कर्नाटक में सोमवार को यानि कल होने वाली विश्वास मत प्रस्ताव पर वोटिंग को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। गठबंधन नेता मुंबई में डेरा डाले बैठे बागी विधायकों को मनाने की आखिरी कवायद में जुटे हैं। शनिवार को येड्यिुरप्पा ने पत्रकारों से बातचीत में राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के शुक्रवार को ही विश्वास मत प्रक्रिया संपन्न कराने के निर्देश के बावजूद सदन में सरकार ने वक्त जाया किया।
विधायकों को घंटों बोलने दिया गया। भाजपा नेता ने कहा कि उनके पास (सरकार) बहुमत नहीं है और वे सिर्फ समय खराब कर रहे हैं। अब राज्यपाल क्या कार्रवाई करते हैं, यह उन पर ही निर्भर करता है। येड्यिुरप्पा ने दावा किया कि कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के पास 98 विधायक ही हैं और भाजपा विधायकों की संख्या 106 है। बहुमत से दूर एचडी कुमारास्वामी को सीएम पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर उनके (कुमारास्वामी) पास बहुमत है तो साबित करें अन्यथा इस्तीफा दें। कांग्रेस और मुख्यमंत्री द्वारा दायर याचिका की ओर इशारा करते हुए येड्यिुरप्पा ने कहा कि उन्हें भ्रम है कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल जाएगी। कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के नेताओं ने बहुमत साबित करने का दावा किया है। विश्वास मत परीक्षण से पहले कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने रविवार शाम विधायक दल की बैठक बुलाई है।