लोकसभा चुनाव से पहले लगता है कांग्रेस किसानों को पूरी तरह से अपने पाले में करना चाहती है. कर्जमाफी और किसानों को पेंशन के बाद अब कमलनाथ सरकार ने फैसला किया है कि किसानों को गेहूं पर 160 रू. प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. दरअसल, इस बार मध्यप्रदेश में गेंहूं की बम्पर पैदावार हुई है और किसानों को इस बात का डर सता रहा है कि ज्यादा पैदावार होने से उन्हें फसल की उचित कीमत मिल पाएगी या नहीं.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को कहा कि मध्यप्रदेश में इस बार गेहूं की बम्पर फसल होने पर भी किसान फसलों के कम दाम मिलने की चिंता ना करें क्योंकि मध्यप्रदेश सरकार उनका गेहूं 2 हज़ार रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदेगी जबकि केंद्र सरकार द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य 1850 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है.
इस हिसाब से किसान को प्रति क्विंटल 160 रुपये की प्रोत्साहन राशि कमलनाथ सरकार अपने खजाने से देगी. इसके अलावा मक्का की भावांतर राशि जो मंडी में औसत 219 रुपये प्रति क्विंटल आ रही है उसको बढ़ाकर 250 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों को भुगतान किए जाने का भी फैसला किया गया है.
किसानों को राहत देने के साथ मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मोदी सरकार से भावांतर के करीब 1 हज़ार करोड़ रुपये देने की भी मांग की है. सीएम कमलनाथ के मुताबिक भावांतर योजना में केन्द्र और राज्य दोनों की हिस्सेदारी होती है इसलिए केंद्र सरकार सोयाबीन भावांतर की रोकी हुई लगभग 1000 करोड़ की राशि मध्यप्रदेश सरकार को दे दे, जिससे प्रदेश सरकार अपने हिस्से की राशि जोड़कर किसानों को तत्काल भुगतान कर सके.