पड़ोसी देश म्यांमार में 55 फीसद बच्चे गरीबी में जीवनयापन कर रहे हैं। 17 साल की उम्र वाले कुल बच्चों में से आधे बिना पढ़ाई के वयस्क की दहलीज पार कर जाते हैं। पढ़ाई के लिए बच्चों को दस किमी तक पैदल जाना पड़ता है।
सभ्य समाज के लिए कलंक समान इस सच्चाई को जानकर कोई भी चिंतित हो सकता है। यहां के मंडालय के उद्यमी माइक थान तुन विन भी परेशान हुए और बच्चों के लिए कुछ करने की ठानी। सिंगापुर और मलेशिया में बाइक शेयरिंग कंपनियों के पास पुरानी और खराब हो चुकी साइकिलें कबाड़ में पड़ी हैं। लिहाजा इन्होंने इन कंपनियों से बात करके दस हजार साइकिलें मंगाई। इनकी मरम्मत करके एक तरह से इन्हें नई बनाकर छात्रों को दिया। प्रत्येक साइकिल के लिए 35 डॉलर लागत आई। अब ये छोटी सी लागत हजारों बच्चों की मुस्कान का सबब बनी हुई है। उनका समय बच रहा है, वे ज्यादा समय पढ़ाई में इस्तेमाल कर रहे हैं।