गोवर्धन पूजा, दिवाली के अगले दिन मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो अन्नकूट उत्सव के रूप में भी प्रसिद्ध है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को विभिन्न प्रकार के व्यंजन अर्पित किए जाते हैं, लेकिन कई क्षेत्रों में खासतौर पर कढ़ी चावल बनाना अनिवार्य परंपरा मानी जाती है। कढ़ी को सात्विक भोजन माना जाता है, और ये पूजा के शुद्ध वातावरण के अनुरूप भी होती है।
सादगी और स्वाद से भरपूर कढ़ी न केवल पेट को हल्की लगती है, बल्कि पूजा के बाद पारंपरिक भोज में इसका अपना एक अलग ही महत्व होता है। अगर आप भी इस गोवर्धन पूजा पर स्वादिष्ट और आसान तरीके से कढ़ी चावल बनाना चाहते हैं, तो हम आपको बता रहे हैं इसकी आसान विधि, जिससे आप घर पर झटपट पारंपरिक स्वाद का आनंद ले सकते हैं।
कढ़ी बनाने का सामान
बेसन – 4 बड़े चम्मच
दही (थोड़ा खट्टा) – 1 कप
हल्दी – 1/2 चम्मच
नमक – स्वाद अनुसार
अदरक पेस्ट – 1 चम्मच
हींग – 1 चुटकी
जीरा – 1/2 चम्मच
मेथी दाना – 1/2 चम्मच
सूखी लाल मिर्च – 2
तेल – 2 चम्मच
विधि
कढ़ी बनाने के लिए दही और बेसन को अच्छे से फेंटें ताकि गाठें न रहें। इसमें हल्दी, नमक और पानी मिलाएं। इसके बाद एक कड़ाही में घी गर्म करें। उसमें हींग, जीरा, मेथी दाना और लाल मिर्च का तड़का लगाएं। अब बेसन-दही का घोल डालें और लगातार चलाते हुए मध्यम आंच पर 20-25 मिनट तक पकाएं। कढ़ी गाढ़ी हो जाएगी और स्वाद में लाजवाब लगेगी।
चावल बनाने का सामान
बासमती चावल – 1 कप
पानी – 2 कप
नमक – 1/2 चम्मच
विधि
चावल बनाने के लिए सबसे पहले चावल को धोकर 20 मिनट भिगो दें। कुकर या भगोने में नमक और पानी के साथ पकाएं। खिले-खिले चावल बनाएं। गर्म कढ़ी को ताजे चावलों के साथ भगवान को भोग लगाएं।
इन गलतियों से बचें
1. दही को बिना फेंटे इस्तेमाल करना
2. बेसन की मात्रा गलत लेना
3. बिना उबाले कढ़ी पकाना
4. तेज़ आंच पर पकाना
5. बासी दही का इस्तेमाल
6. तड़का ठीक से न लगाना
7. ज़रूरत से ज़्यादा पानी डालना
8. कढ़ी को बार-बार न हिलाना
9. बहुत खट्टा दही इस्तेमाल करना
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