JNU Violence: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र नेता ओर जेएनयू के छात्र मनीष जांगिड़ ने जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा मामले में लेफ्ट और कांग्रेस पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि एम्स अस्पताल में पियंका गांधी वाड्रा के आने से पहले कुछ लोगों को वीलचेयर पर बैठाया गया।
लेफ्ट के 600 छात्रों की तरफ से हमारे छात्रवास पर हमला किया गया। छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष और पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष गीता कुमारी ने दो दिन पहले संचार व सूचना सेवा की पंजीकरण को बाधा पहुंचाई। आइशी घोष की तरफ से प्रदर्शन को लीड किया गया। एक मंदिर में हमें रात बिताने को मजबूर होना पड़ा।
बता दें कि जेएनयू में रविवार की शाम से ही सुर्खियों में आ गया। यहां कुछ नकाबपोश लोगों ने वहां के छात्रों एवं शिक्षकों पर हमला कर दिया था। इस हमले में रॉड, हॉकी स्टिक और सरिया का इस्तेमाल किया गया। मामले के काफी बढ़ जाने के बाद जेएनयू प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी।
इसके बाद जेएनयू में रविवार शाम को एबीवीपी व वामपंथी संगठनों से जुड़े छात्रों के बीच हुए विवाद के बाद कई विश्वविद्यालयों के छात्र देर रात आइटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय पर पुलिस के खिलाफ विरोध दर्ज कराने पहुंचे थे। प्रदर्शनकारियों में इनमें डीयू, एएमयू, अंबेडकर, जामिया व जेएनयू के छात्र व एसएफआइ से जुड़े छात्र शामिल थे। सीपीआइ की वृंदा करात, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद व पूर्व विधायक आसिफ अहमद खान, कांग्रेस की अल्का लंबा भी छात्रों के प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए पहुंचीं थे।
प्रदर्शन को देखते हुए आइटीओ से लक्ष्मी नगर की ओर जाने वाले विकास मार्ग पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर इसे बंद कर दिया है। वहीं, दूसरी ओर दिल्ली गेट पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी। देर रात तक प्रदर्शन जारी था।