एसकेएम गैर राजनीतिक के आह्वान पर किसान आंदोलन में मारे गए किसान नवरीत सिंह सहित अन्य किसानों की याद में 26 जनवरी को कैंडल मार्च निकाला जाएगा। फतेहाबाद में 21 जनवरी से किसान यात्रा शुरू की जा रही है। तीन फरवरी को नारनौंद में महापंचायत की जाएगी।
सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में एक बार फिर देश का किसान 13 फरवरी को दिल्ली की ओर कूच करेगा। आंदोलन को लेकर टीम बीकेई की अध्यक्षता में किसानों की बैठक गुरुद्वारा दसवीं पातशाही में आयोजित की गई। इस दौरान किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों की याद में 26 जनवरी को कैंडल मार्च निकालने का निर्णय लिया गया।
बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने बैठक में उपस्थित किसानों से आह्वान किया कि सभी को ट्रैक्टर-ट्रालियों सहित दिल्ली आंदोलन के लिए कूच करना है। इसके अलावा एसकेएम गैर राजनीतिक के आह्वान पर किसान आंदोलन में मारे गए किसान नवरीत सिंह सहित अन्य किसानों की याद में 26 जनवरी को कैंडल मार्च निकाला जाएगा। फतेहाबाद में 21 जनवरी से किसान यात्रा शुरू की जा रही है। तीन फरवरी को नारनौंद में महापंचायत की जाएगी। बैठक में बलकौर सिंह फग्गू, विपन माधोसिंघाना, सुरिंदर नीलियावाली, अंग्रेज सिंह कोटली, नरेंद्र उमेदपुरा, प्रकाश ममेरां, भगवंत सिंह झोरडऱोही, नवदीप सलारपुर, बलवंत सिंह रोहिड़ांवाली सहित अन्य किसान उपस्थित थे।
ये है किसान आंदोलन की मुख्य मांगें
- स्वामीनाथन आयोग के सी2 प्लस फॉर्मूले के अनुसार किसानों की फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए।
- देश के किसान-मजदूरों का संपूर्ण कर्ज माफ किया जाए। नरमे के बीटी बीज में सुधार किया जाए।
- 2015 में मॉडल एक्ट के माध्यम से 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून में जो बदलाव किए गए हैं, वो वापस लिए जाएं।
- नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत किसानों की जमीन की लूट बंद की जाए।
- लखीमपुर खीरी नरसंहार के आरोपी गृह-राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी और उसके बेटे को गिरफ्तार किया जाए।
- केंद्र सरकार मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाए और भारत सरकार डब्ल्यूटीओ से बाहर आए।
- बिजली संशोधन बिल वापस लिया जाए।