मुम्बई: जहां एक तरफ महिलाओं के उत्थान की बात की जा रही है, वहीं दूसरी तरह अभी समाज में महिलाओं को दबाने का काम हो रहा है। महिलाओं का खुलकर अपनी योग्यता को जाहिर करना पुरूष प्रधान इस समाज में गलत माना जा रहा है। अपने सुरों से देश के कोने-कोने में लोगों को प्रभावित करने वाली नाहिद आफरीन के खिलाफ 42 मौलवियों ने फतवे जारी किया है। यह किन मौलवियों ने फतवा जारी किया है इसका अभी पता नहीं चल सका है जबकि इसको लेकर एक पर्चा सामने आया है इसी के आधार पर यह बात कही जा रही है।
इस पर्चे में कहा गया है कि गीत संगीत और थियेटर करना शरिया का उल्लंघन है। अगर हमने इन सब चीजों से अपने बच्चों को दूर नहीं रखा तो अल्लाह हमें कभी माफ नहीं करेगा। इस पर्चे में 25 तारीख को होने वाले म्यूजिकल शो का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इससे अल्लाह नाराज होंगे इसलिए न केवल खुद इस इवेंट से दूर रहे बल्कि अपने जैसे दूसरों को भी ऐसा करने से रोकें इस पर्चे पर असम स्टेट जमियत उलामा और मदरसा टीचर्स के लगभग 46 दस्तख्त हैं ।
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आपको बता दें कि आफरीन 2015 में इंडियन आइडल जूनियर की रनर अप यानी दूसरे स्थान पर रहीं थी। इस फतवा के मुताबिक 25 मार्च को असम के लंका इलाके के उदाली सोनई बीबी कॉलेज में 16 साल की नाहिद को परफॉर्म करना है जो पूरी तरह से शरिया के खिलाफ है। 16 वर्षीय नाहिद के खिलाफ यह फतवा इसलिए भी जारी किया क्योंकि यह कार्यक्रम कब्रिस्तान और मस्जिद के नजदीक कराया जा रहा है।
वहीं नाहिद ने अपने खिलाफ जारी हुए फतवे के बावजूद भी संगीता और गाना जारी करने की बात कही है।