ईरान के एलिट रिवोल्यूशनरी गार्ड ने बुधवार को संसद और खुमैनी मकबरे पर हुए आतंकी हमले के लिए सऊदी अरब और अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है. उसने कहा है कि सऊदी ने तेहरान स्थित संसद और खुमैनी मकबरे पर हमले के लिए खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस का समर्थन किया. इसके अलावा बुधवार को इन आतंकी हमलों से पहले सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने अब्देल जुबेर ने खुलेआम धमकी दी थी कि ईरान को खाड़ी क्षेत्र में दखल देने और आतंकी संगठनों का समर्थन करने का खामियाजा निश्चित रूप से भुगतना पड़ेगा.
#UPDATED #Saudi FM: #Iran must be punished for its interference in regionhttps://t.co/Sifv9siPBR
— Al Arabiya English (@AlArabiya_Eng) June 7, 2017
वहीं, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने तेहरान में हुए दोहरे आतंकी हमला का बदला लेने का संकल्प लिया है. उन्होंने एक बयान में कहा कि रिवोल्यूशनरी गार्ड आतंकी हमले में जान गंवाने वाले बेकसूरों के एक कतरा खून को भी व्यर्थ नहीं जाने देगा. आतंकी हमले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और क्षेत्र की एक प्रतिक्रियावादी सरकार (सउदी अरब) के नेता के बीच बैठक के एक हफ्ते बाद हुआ है, जिससे जाहिर होता है कि वे इस वारदात में संलिप्त थे. मालूम हो कि सऊदी अरब और ईरान लंबे समय से एक-दूसरे के विरोधी रहे हैं. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने पहले विदेशी दौरे पर सऊदी से ईरान पर हमला बोला था.
पेरिस दौरे पर जुबेर ने कहा कि ईरान अलकायदा समेत अन्य आतंकी संगठनों के सरगना को संरक्षण दे रहा है. सऊदी विदेश मंत्री जुबेर की इस धमकी के कुछ घंटे बाद ही ईरान में हुए आतंकी हमले हुए हैं. ईरान शिया बहुल मुस्लिम राष्ट्र है, जबकि सऊदी सुन्नी बहुल मुस्लिम राष्ट्र है. इन दोनों देशों के बीच छत्तीस का आंकड़ा है. हाल ही में दोनों देशों ने एक-दूसरे से राजनयिक संबंध तक खत्म कर लिए थे. अब सऊदी और ईरान के बीच टकराव के हालात पैदा हो गए हैं. इससे पहले सऊदी समेत सात देशों ने कतर से राजनयिक रिश्ते खत्म कर लिए थे.
इस पर ईरान ने कतर का समर्थन किया था. इससे सऊदी अरब समेत कई देश ईरान से भी बेहद खफा हो गए हैं. वर्तमान में खाड़ी क्षेत्र दो धड़े में बंट गया है. मालूम हो कि बुधवार को ईरानी संसद और खुमैन के मकबरे पर हमलों में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 35 से ज्यादा लोग घायल हो गए. वहीं, ईरान के सुरक्षा बल इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कोर ने आतंकियों के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया.