दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Delhi Health Minister Satyendar Jain) की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं और ईडी उनपर लगातार शिकंजा कसने की तैयारी में हैं। इसी के मद्देनजर आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर सत्येंद्र जैन और उनके सहयोगियों के खिलाफ मनी लान्ड्रिंग जांच के सिलसिले में दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की है। एजेंसी के अधिकारियों द्वारा तलाशी के तहत कम से कम 10 आवासीय और व्यावसायिक स्थानों को कवर किया जा रहा है।
नामी पब्लिक स्कूल चेन के दफ्तरों पर छापेमारी
सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी एक नामी पब्लिक स्कूल चेन के दफ्तरों पर छापेमारी कर रहे हैं। स्कूल ट्रस्ट द्वारा चलाया जा रहा है। इसके प्रमोटर और निदेशकों से पूछताछ की जा रही है क्योंकि उनका जैन मामले में संबंध है। ईडी के अधिकारियों ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। बता दें कि ईडी ने 2017 में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लान्ड्रिंग की जांच शुरू की थी।
30 मई को हुई थी गिरफ्तारी
57 वर्षीय जैन को प्रवर्तन निदेशालय ने 30 मई को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं। जैन की गिरफ्तारी के बाद उनके परिवार और अन्य के खिलाफ इसी तरह की छापेमारी के बाद एजेंसी ने 2.85 करोड़ रुपये की अवैध रूप से रखी नकदी और 133 सोने के सिक्के जब्त करने का दावा किया था। केजरीवाल सरकार में बिना पोर्टफोलियो मंत्री जैन के खिलाफ कथित हवाला सौदे के आरोप में पीएमएलए के तहत एजेंसी जांच कर रही है।
जमानत पर फैसला कल आएगा
इस बीच मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर कल (18 जून) को फैसला आएगा। बता दें कि दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने जैन की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। सत्येंद्र जैन को जमानत मिलेगी या नहीं इस पर कल 12 बजे फैसला आएगा।
यह है पूरा मामला
बता दें कि सीबीआई ने 3 दिसंबर 2018 को जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और अन्य आरोपियों के खिलाफ यह आरोप लगाया गया था कि जैन ने 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 की अवधि के दौरान मंत्री पद पर रहते हुए गौरकानूनी रूप से संपत्ति अर्जित की थी। सीबीआई ने उनकी पत्नी और अन्य आरोपियों पर भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत अपराध करने में साथ देने का आरोप लगाया है। इससे पहले, ईडी ने 31 मार्च 2022 को जैन द्वारा लाभकारी स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों से संबंधित 4.81 करोड़ की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था।