गाजा में सात राहतकर्मियों की मौत पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि वह क्रोधित हैं यह घटना हृदय विदारक है। बाइडन ने कहा है कि हमले के संबंध में इजरायल की जांच जल्द पूरी होनी चाहिए इसमें हमला करने वालों की जिम्मेदारी निश्चित होनी चाहिए और इस जांच को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि राहतकर्मियों पर हमले की यह पहली घटना नहीं है।
गाजा में मंगलवार को इजरायली हमले में सात राहतकर्मियों के मारे जाने पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि वह क्रोधित हैं, यह घटना हृदय विदारक है। मारे गए राहतकर्मी वर्ल्ड सेंट्रल किचन (डब्ल्यूसीके) के लिए सेवा कार्य करते थे और ये बेघर फलस्तीनियों तक भोजन पहुंचाने के कार्य में लगे थे। हमले के बाद इजरायल ने उस पर खेद जताया और जांच की बात कही है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका इजरायल का मुख्य समर्थक देश है।
क्या हैं वर्ल्ड सेंट्रल किचन?
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर वह इजरायली सैन्य कार्रवाई का बचाव करता है। बाइडन ने कहा है कि हमले के संबंध में इजरायल की जांच जल्द पूरी होनी चाहिए, इसमें हमला करने वालों की जिम्मेदारी निश्चित होनी चाहिए और इस जांच को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, सबसे ज्यादा दुर्भाग्य वाली बात यह है कि राहतकर्मियों पर हमले की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई मौकों पर सेवा कार्य में लगे लोग इजरायली हमलों का निशाना बन चुके हैं और उनमें से कई मारे जा चुके हैं।
इन देशों के नागरिक मरने वालों में थे शामिल
बाइडन ने कहा, गाजा में युद्ध के दौरान इजरायल राहतकर्मियों और आमजनों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है। ताजा हमले में मारे गए सात राहतकर्मियों में ब्रिटेन के तीन नागरिक, अमेरिका-कनाडा की दोहरी नागरिकता वाले, आस्ट्रेलिया और पोलैंड के एक-एक नागरिक थे। इनमें एक फलस्तीनी भी था। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू हमले को दुखद बता चुके हैं और कहा है कि यह उद्देश्यपूर्ण नहीं थी।
शुरुआती जांच में यह पहचान के भ्रम में हुई कार्रवाई लग रही है। इस हमले की स्वतंत्र जांच कराई जाएगी। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार करीब छह महीने के युद्ध में 180 राहतकर्मी मारे गए हैं। गाजा में इजरायली हमलों में अभी तक 33 हजार फलस्तीनी मारे गए हैं जिनमें ज्यादातर फलस्तीनी आमजन हैं।