मुझे बहुत खुशी है कि आज इतना विराट काम, उस दिन हो रहा है, जब भारत के दो-दो महान सपूतों की जन्म जयंति है। एक भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण और दूसरे भारत रत्न नानाजी देशमुख। इन दोनों महापुरुषों का सिर्फ जन्मदिन ही एक तारीख को नहीं पड़ता, बल्कि इनके संघर्ष और आदर्श भी एक समान रहे हैं।

आत्मनिर्भर भारत अभियान में आज देश ने एक और बड़ा कदम उठा दिया है। स्वामित्व योजना, गांव में रहने वाले हमारे भाई-बहनों को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत मदद करने वाली है।
आज हरियाणा, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के हजारों परिवारों को उनके घरों के कानूनी कागज सौंपे गए हैं। और अगले तीन-चार साल में देश के हर गांव में, हर घर को इस तरह के प्रॉपर्टी कार्ड देने का प्रयास किया जाएगा।
आज आपके पास एक अधिकार है, एक कानूनी दस्तावेज है कि आपका घर आपका ही है, आपका ही रहेगा। ये योजना हमारे देश के गांवों में ऐतिहासिक परिवर्तन लाने वाली है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जिन एक लाख लोगों को स्वामित्व पत्र मिला है, ऐसे इन एक लाख परिवारों को मैं आज बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
इन टाइटल दस्तावेजों की मदद से उनके धारकों को ऋण लेने में मदद मिलेगी। इसके अलावा यह ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्तियों का रिकॉर्ड रखने में भी मदद करेगा। वर्तमान में ऐसा कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। इन टाइटल दस्तावेजों को ‘स्वामित्व’ परियोजना के तहत सौंपा गया है और 2024 तक 6.40 लाख गांवों की सभी अबादी क्षेत्रों का नक्शा तैयार किया जाएगा।
हरियाणा के 221, कर्नाटक के दो, महाराष्ट्र के 100, मध्यप्रदेश के 44, उत्तर प्रदेश के 346 और उत्तराखंड के 50 लोगों सहित 763 गांवों के घर मालिकों को टाइटल दस्तावेजों की भौतिक प्रतियों के साथ-साथ डिजिटल संपत्ति कार्ड सौंपे गए हैं।
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