कश्मीर में आतंकियों के साथ-साथ उनसे सहानुभूति रखने वालों, पत्थरबाजों और अलगाववादियों से सुरक्षा बल सख्ती से निपटेंगे। पुलवामा हमले के बाद सुरक्षाबलों को सरकार ने कार्रवाई के लिए खुली छूट देने का फैसला किया है। इसका असर अगले कुछ दिनों में दिखना शुरू हो जाएगा।
सूत्रों के अनुसार कश्मीर में आतंकियों को परोक्ष रूप से समर्थन देने वालों की बड़ी संख्या है। इनमें अलगाववादी भी शामिल हैं, लेकिन इनके खिलाफ सुरक्षाबल कोई कार्रवाई नहीं कर पाते हैं। अलगाववादियों के परोक्ष समर्थन से आतंकियों के हौसले ‘बुलंद’ रहते हैं। इससे नए आतंकी भी पैदा होते हैं। सुरक्षा से जुड़े सूत्रों ने कहा कि ऐसे लोग अब हमारे निशाने पर होंगे। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
पैनी नजर रहेगी
सूत्रों का कहा है कि अलगाववादियों की गतिविधियों पर भी बलों की पैनी नजर रहेगी। उनके बयानों और मुलाकातों पर भी बल निगरानी रखेंगे ताकि कार्रवाई का ठोस आधार निकालकर उन्हें गिरफ्तार किया जा सके।
पत्थरबाजों पर नरमी नहीं
सुरक्षा बलों पर पत्थर बरसाने वालों के प्रति भी बल अब नरमी नही दिखाएंगे। अब इन्हें आतंकियों का समर्थन करने और सुरक्षा बलों पर हमले के आरोप में गिरफ्तार करेंगे। मौके पर जवाबी कार्रवाई भी करेंगे।
जनाजे की भीड़ की निगरानी
सूत्रों ने कहा कि आतंकियों के जनाजों में जुटने वाली भीड़ पर भी नजर रखी जाएगी। उसमें नारेबाजी कर कट्टरता को बढ़ावा देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। दरअसल आतंकियो के जनाजे में भीड़ जुटाकर कुछ लोग माहौल को गरमाने की कोशिश करते हैं लेकिन अभी तक ऐसे लोग कानून की आखों में धूल झोकते रहे हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल राजेन्द्र सिंह (सेवानिवृत्त) ने कहा कि आतंकियों के साथ ही उनके समर्थकों से भी सख्ती से निपटने की जरूरत है। कश्मीर में ऐसे लोग बहुत है वे सिर्फ अलगाववादियों में नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में है। जब तक ऐसे लोगों का समर्थन आतंकियों को मिलता रहेगा आतंकवाद कम नहीं होगा।