राहुल गांधी के करीबी सूत्रों ने बताया कि संसद में राहुल की जिस ‘झप्पी’ से भाजपा समेत कांग्रेस के नेता भी हैरान थे, उसकी योजना पहले से ही तैयार की गई थी। उनके मुताबिक, राहुल गांधी को पहली बार ऐसा करने का आईडिया तब आया था जब वह फरवरी में राष्ट्रपति को धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब में प्रधानमंत्री मोदी का भाषण सुन रहे थे। पीएम मोदी ने अपने इस भाषण में जवाहरलाल नेहरू से लेकर सोनिया गांधी तक सबकी जमकर आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस बस ‘एक परिवार’ के हाथों की कठपुतली है और वो उसी की सेवा में लगी हुई है।
राहुल गांधी ने इन्हीं आलोचनाओं के जवाब में पीएम मोदी और भाजपा को घेरने का प्लान बनाया और अपने प्लान के मुताबिक उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अपना भाषण खत्म होते ही प्रधानमंत्री मोदी को जाकर गले लगा लिया। दरअसल, वो लोगों को ये संदेश देना चाहते थे कि भाजपा नफरत करने वाली पार्टी है और वो कांग्रेस के खिलाफ चाहे जितना भी जहर उगल ले, वो इसका जवाब प्यार से ही देंगे।