गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से हुई 33 बच्चों की मौत पर अब राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के कहने पर चार कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद, राज बब्बर, संजय सिंह और प्रमोद तिवारी गोरखपुर पहुंच गए हैं।अभी-अभी: सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या पर हुई बहस,जज को लेना पड़ा…
कांग्रेस ने घटना के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह बहुत दुखद घटना है। ये राज्य सरकार की नाकामी का नतीजा है। मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए। जांच के लिए सांसदों की टीम बने। स्वास्थ्य मंत्री सौंपे इस्तीफा।अभी-अभी: गोरखपुर अस्पताल हादसा में मरने वालों की संख्या 63, सीएम ने बुलाई आपातकाली बैठक अब होगा ये बड़ा फैसला….
इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन भी गोरखपुर जाएंगे। सीएम के साथ दोनों मांत्रियों की बैठक हुई है। वहां से आने के बाद दोनों मंत्री सीएम को घटना की पूरी रिपोर्ट देंगे। शुक्रवार रात 11 बजे तक 2 और बच्चों की मौत हो गई, जिससे संख्या बढ़कर 32 हो गई। पहले ये संख्या 30 थी। शनिवार सुबह इंसेफेलाइटिस से पीड़ित 11 साल के एक और बच्चे की मौत हो गई।ये घटना गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज की है, जहां मरने वालों में 13 बच्चे एनएनयू वार्ड और 17 इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती थे। बताया जा रहा है कि 69 लाख रुपये का भुगतान न होने की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म ने ऑक्सीजन की सप्लाई गुरुवार की रात से ठप कर दी थी। खबरों के मुताबिक पिछले 5 दिनों में 62 बच्चों की मौत हो चुकी है। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी से इंकार किया है।
घटना पर केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि जो घटना हुई है बहुत ही दुखद है। परिवारों के प्रति मेरी पूरी संवेदना है। सरकार ने इस विषय को गंभीरता से लिया है और केंद्र सरकार ने इसकी चर्चा की है कि ऐसे दोबारा घटना ना घटे। ऑक्सीजन की जो कमी हुई है उस मामले की जांच होनी चाहिए और कार्रवाई होनी चाहिए।
हालांकि कार्रवाई से बच्चे तो वापस नहीं आ सकते हैं। लेकिन ऐसी घटना ना हो ये सुनिश्चित किया जाए। सरकार का जो धर्म बनता है वह सरकार करे लेकिन उसके पीछे कारण क्या है वह जांच में पता चलेगा। सरकार कारण पता लगाए। ऑक्सीजन की आपूर्ति से निपटने के विभाग ने अधिकारियों को 3 और 10 अगस्त को कमी के बारे में सूचित किया था। पुष्पा सेल ने भुगतान नहीं होने पर आपूर्ति को बंद कर दिया था।