उत्तराखंड की जेलें लगातार साजिश का अड्डा बनती जा रही हैं। अल्मोड़ा और सितारगंज जेल के बाद अब हल्द्वानी जेल से भी कैदियों द्वारा साजिश रचने का गंभीर मामला सामने आया है। जेल से संचालित होने वाली आपराधिक वारदातों पर रोक लगाने के लिए शासन स्तर पर जेल प्रशासन ने कुमाऊं के तीन जिलों में हाईटेक जेल बनाने की योजना बनाई थी, वह भी फिलहाल ठंडे बस्ते में है।

हल्द्वानी जेल में बंद कैदियों द्वारा कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा की हत्या की साजिश रचने का मामला सामने आया है। इससे जेल प्रशासन के साथ ही पुलिस प्रशासन में भी खलबली मची है, लेकिन जेल में बंद कैदियों द्वारा आपराधिक साजिश रचने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले पौड़ी जेल में बंद कुख्यात कैदी नरेंद्र वाल्मीकि के जेल के भीतर से ही अपना नेटवर्क चलाने का मामला एसटीएफ ने पकड़ा था।
इसके बाद अल्मोड़ा जेल में बंद मंगलौर हत्याकांड के आरोपी कलीम के भी जेल के अंदर से अपना नेटवर्क चलाने का मामला पकड़ में आया था। यहां से एसटीएफ ने नौ मोबाइल और चरस बरामद की थी। फिर ऊधमसिंह नगर की सितारगंज जेल से भारी संख्या में मोबाइल बरामद हुए, जिनसे अपराधी अपना नेटवर्क चला रहे थे। जेल में बंद कैदियों में से किसी ने एक अधिवक्ता को जान से मारने की धमकी भी दी थी।
इससे पहले हरिद्वार जेल में बंद कलीम ने जेल के अंदर से ही शूटरों से बात कर मंगलौर हत्याकांड के एक वादी और कुमाऊं के एक बड़े व्यवसायी को मारने के लिए शूटर भेजे थे। टिहरी जेल से भी एसटीएफ ने भारी संख्या में मोबाइल बरामद किए थे।
जेल से संचालित होने वाली आपराधिक वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए तत्कालीन आईजी जेल पुष्पक ज्योति के कार्यकाल के दौरान कुमाऊं के ऊधमसिंह नगर, चम्पावत और पिथौरागढ़ जिले में हाईटेक जेल बनाने की योजना थी, जो फिलहाल ठंडे बस्ते में है। जेल प्रशासन सिर्फ सामान्य जेलों के लिए इन जिलों में कारागार भवन तैयार कर रहा है।
जेलों को सीसीटीवी कैमरों से किया लैस
कुमाऊं जेल प्रशासन ने कुछ समय पहले मंडल की सभी जेलों को सीसीटीवी कैमरों से लैस करने की योजना बनाई थी। आईजी जेल विमला गुंज्याल ने बताया कि मंडल की जेलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम पूरा हो चुका है। जेलों में जैमर लगाने की योजना भी है, उस पर जल्द काम किया जाएगा।
यूएसनगर, चम्पावत और पिथौरागढ़ जिले में नई जेलों के लिए कारागार भवन तैयार किए जा रहे हैं। जेलों को हाईटेक बनाने की योजना मेरे संज्ञान में नहीं है। अभी सभी जेलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम पूरा हो चुका है। जेलों से मोबाइल आदि मिलने के मामलों की भी जांच की जा रही है।
विमला गुंज्याल, आईजी जेल, उत्तराखंड
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