पंजाब के मलोट शहर में अबोहर के बीजेपी विधायक अरुण नारंग के साथ आंदोलनकारी किसानों की बदसलूकी करने से राजनीति काफी गर्म हो चुकी है. जहां एक तरफ तकरीबन 300 अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 307 यानी हत्या की साजिश के तहत मामला दर्ज किया गया है. वहीं इस मामले में पंजाब बीजेपी के नेताओं के नेतृत्व में पंजाब बीजेपी चीफ अश्वनी शर्मा रविवार सुबह 11:30 बजे पंजाब के राज्यपाल से मिलेंगे.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहले ही बीजेपी नेताओं को आश्वासन दिया है कि भारतीय किसान यूनियन के प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे. पुलिस प्रदर्शनकारियों की पहचान कर रही है.
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा कि बीजेपी विधायक अरुण नारंग पर हुए जानलेवा हमले ने पंजाब में कानून-व्यवस्था की नाकामी को उजागर कर दिया है. उन्होंने अपने बयान में इस पूरे मामले पर सीएम अमरिंदर सिंह को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह केवल निंदनीय नहीं है, बल्कि राज्य के लिए चिंताजनक है. इसके साथ ही चुघ ने पंजाब में कानून व्यवस्था बनाए रखने में अपनी विफलता के लिए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की.
दरअसल, पंजाब की अबोहर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक अरुण नारंग शनिवार को मलोट पहुंचे. अरुण नारंग यहां पंजाब सरकार के खिलाफ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने आए थे. इसी दौरान उनपर हमला हुआ था. हमलावरों ने उनके कपड़े फाड़ दिए और उनके चेहरे पर कालिख पोत दी. पुलिस की मदद से उन्हें बचाया गया था.
वहीं, इस मामले में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं. सीएम अमरिंदर ने साथ ही प्रधानमंत्री मोदी से किसानों का मुद्दा सुलझाने की अपील भी की है. मुख्यमंत्री ने डीजीपी दिनकर गुप्ता को इस हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. इस पूरे मामले में 250 से 300 अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा- 307 समेत 353,186, 188, 332, 342, 506, 148, 149 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
मलोट में किसानों ने सिर्फ भाजपा विधायक नारंग के साथ ही मारपीट नहीं की. बल्कि भाजपा के दो और नेताओं के साथ भी हाथापाई की. पुलिस भाजपा नेताओं को एक दुकान के अंदर ले गई और पीछे के रास्ते से उन्हें निकाला.
सूत्रों ने बताया कि हाथापाई के दौरान एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को भी हल्की चोट लगी क्योंकि हाथापाई करीब एक घंटे तक जारी रही. भाजपा के नेता भी मलोट में भाजपा कार्यालय तक नहीं पहुंच सके, जहां उन्हें दोपहर 3 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी थी. किसानों ने भाजपा कार्यालय में पार्टी के झंडे भी जलाए.