रूस और यूक्रेन के बीच बीते डेढ़ साल से ज्यादा समय से भीषण युद्ध जारी है। इस बीच, अमेरिका के शीर्ष अधिकारी ने चेतावनी दी कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में अगर उत्तर कोरिया, रूस को हथियारों की आपूर्ति करता है तो उसे कीमत चुकानी होगी। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने मंगलवार को एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि उनका देश मानता है कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच बातचीत सक्रिय रूप से आगे बढ़ रही है।
उत्तर कोरिया के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, हमारा अभी का विश्लेषण यह है कि उत्तर कोरिया और रूस के बीच चर्चा (यूक्रेन युद्ध में सैन्य सहायता प्रदान करने के संबंध में) के बीच बातचीत सक्रिय रूप से आगे बढ़ रही है। इसलिए, मैं उत्तर कोरिया के इरादों पर अटकलें नहीं लगा सकता। मैं यह कह सकता हूं कि साइलोस (अनाज आदि को सुरक्षित रखने के लिए मीनारनुमा ढांचा) पर हमला करने के लिए युद्ध के मैदान में रूस को हथियार प्रदान करने से उत्तर कोरिया पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ेगा और वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इसकी कीमत चुकाएगा।
सुलिवन की ओर से टिप्पणी तब सामने आई है जब उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन इस महीने रूस का दौरा करने की योजना बना रहे हैं। वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ सक्रिय बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए नेता स्तर की राजनयिक वार्ता करेंगे। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एंड्रीन वाटसन ने दावा किया कि उनके देश के पास यह जानकारी है कि उत्तर कोरिया के नेता हथियारों पर चल रही वार्ता को लेकर बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा, हमारे पास सूचना है कि किम जोंग उन को उम्मीद है कि यह चर्चा जारी रहेगी और वे रूस में नेता की स्तर की राजनयिक वार्ता में शामिल होंगे।
हालांकि, वाटसन ने यह नहीं बताया कि किम और पुतिन के बीच बैठक कब और कहां पर होने की संभावना है। लेकिन उन्होंने कहा कि यह जुलाई में रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू की उत्तर कोरिया की यात्रा के बाद होगी। पिछले हफ्ते अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि दोनों देश एक और हथियार सौदे पर बातचीत को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रहे हैं, जिसमें उत्तर कोरिया, यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध प्रयासों का समर्थन करने के लिए हथियार प्रदान कर सकता है।
वाटसन ने कहा कि शोइगू ने प्योंगयांग (उत्तर कोरिया की राजधानी) की यात्रा इसलिए की थी कि वह रुस के लिए तोपखाने के गोला-बारूद बेचने के लिए उसे मना सके। उन्होंने कहा, हम उत्तर कोरिया से आग्रह करते हैं कि वह रूस के साथ अपनी हथियार वार्ता बंद करे और उन सार्वजनिक प्रतिबद्धताओं का पालन करे, जो प्योंगयांग ने रूस को हथियार उपलब्ध न कराने या न बेचने के लिए की हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के रणनीतिक संचार समन्वयक जॉन किर्बी ने पिछले सप्ताह कहा था कि उस यात्रा के बाद से रूसी अधिकारियों के एक समूह ने आगे की चर्चा के लिए प्योंगयांग की यात्रा की। पुतिन और किम ने अपने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने का वचन देते हुए पत्रों का आदान-प्रदान भी किया है।