एक गाय अपनी लगभग पन्द्रह साल की आयु में आठ से दस बछड़े-बछिया को जन्म देती है, लेकिन अगर आपसे यह कहा जाए कि एक गाय एक साल में सौ से ज्यादा बच्चों को जन्म दे सकती है, तो सहसा आपको इस पर यकीन नहीं होगा। लेकिन यह बात सौ फीसदी सच है। यह कारनामा सरोगेसी के जरिये किया जायेगा। एक वैज्ञानिक ने एक दाता गाय ‘गौरी’ के अंडों को आईवीएफ तकनीकी से निषेचित करवाकर अन्य सामान्य गायों के गर्भाशय में इन्हें प्रत्यारोपित कर ऐसा कारनामा करने की ठान ली है।
अब तक गौरी के 56 अंडों को आईवीएफ तकनीकी के जरिये निषेचित करवाकर विभिन्न गायों के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जा चुका है। इन बच्चों का जन्म अगले वर्ष जनवरी से जून माह के बीच होगा, जबकि बाकी के छह महीनों में भी इसी तरह अन्य अंडों को निषेचित कर एक वर्ष में सौ बच्चों को पैदा करने का लक्ष्य पूरा किया जायेगा।
वैज्ञानिक का दावा है कि इस तकनीक से सामान्य गायों से ऐसी उन्नत किस्म की बछिया पैदा की जा सकती हैं, जो प्रतिदिन 30 से 40 लीटर तक दूध दे सकती हैं।
इससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी और देश में दूध की भारी कमी को भी पूरा किया जा सकेगा। इस तकनीकी की खासियत यह भी है कि इसके जरिये 90 फीसदी बछिया ही पैदा होती हैं, जो दूध देने के काम आती हैं। इस विधि में बछड़े बहुत कम पैदा होते हैं, जिनकी उपयोगिता आज के समय में लगातार घटती जा रही है और कई राज्यों में प्रशासन के लिए ये एक बड़ी समस्या बन चुके हैं। उत्तर प्रदेश में खुले बछड़ों के कारण भारी मात्रा में खेती की फसल बर्बाद हो रही है। इस तकनीक को अपनाने से इस समस्या से भी निजात मिल सकती है।