आज के समय में हर किसी के पास एक से अधिक बैंक अकाउंट होना सामान्य बात है। वेतनभोगी लोग जब भी जॉब बदलते हैं या किसी दूसरे शहर में शिफ्ट होते हैं, तो उन्हें अपना बैंक अकाउंट बदलना पड़ ही जाता है। सामान्यतया कुछ बैंक ग्राहकों के जीरो बैलेंस सैलरी अकाउंट में कुछ महीनों तक सैलरी क्रेडिट नहीं होने पर उसे बचत खाते में बदल देते हैं। अब ऐसे में नॉन-सैलरी सेविंग अकाउंट में न्यूनतम बैंलेंस रखना होता है, जो हर बार संभव नहीं हो पाता।
न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर लगने वाले शु्ल्क से बचने के लिए काम नहीं आ रहे अकाउंट को बंद कराना ही समाधान है। अब हम आपको बताने वाले हैं कि जब आप अपना बैंक अकाउंट बंद करने जाएं, तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
1. सभी ऑटोमेटिक डेबिट्स को बंद करें: अपना बैंक अकाउंट बंद करवाते समय आपको अपने अकाउंट से लिंक सभी डेबिट्स को डीलिंक करवा लेना चाहिए। साथ ही अगर आपका यह बैंक अकाउंट मंथली लोन इएमआई के लिए लिंक है, तो आपको अपने कर्जदाता को नया वैकल्पिक बैंक अकाउंट नंबर उपलब्ध करवाना चाहिए।
2. नई अकाउंट डिटेल्स अपडेट करें: अगर आप अपना पुराना सैलरी अकाउंट बंद कर रहे हैं, तो एंप्लॉयर को नए अकाउंट डिटेल्स की अपेडट दे दें। जिस अकाउंट को आप बंद करने जा रहे हैं, अगर उसमें रिटायरमेंट के बाद आपकी पेंशन आ रही है, तो आपको अपने सरकारी एंप्लॉयर को अकाउंट डिटेल्स बदलने की जानकारी देनी होगी।
3. करनी होगी ब्रांच विजिट: बैंक अकाउंट को स्थाई रूप से बंद कराने के लिए खाताधारक को व्यक्तिगत रूप से ब्रांच विजिट करना होता है। ब्रांच में जाकर आपको अकाउंट क्लोजर फॉर्म भरना होता है। इस फॉर्म के साथ ही आपको डी-लिंकिंग फॉर्म भी सबमिट करना होता है। साथ में उपयोग में नहीं आई चेक बुक, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड भी बैंक में जमा कराना होती है।
4. अकाउंट बंद कराने का शुल्क: अगर आप बचत खाता खुलवाने के 14 दिन के अंदर ही उसे बंद कराते हैं तो कोई भी शुल्क नहीं लगता है। अगर आप अकाउंट ओपन होने के 14 दिनों से लेकर एक साल के बीच में अकाउंट बंद करवाते हैं, तो इसके लिए बैंक कुछ शुल्क लेते हैं। इसके लिए अलग-अलग बैंकों का शुल्क अलग-अलग हो सकता है। देश का सबसे बड़ा बैंक इस अवधि में अकाउंट बंद करवाने पर 500 रुपये शुल्क लेता है। वहीं अगर आप अकाउंट ओपन होने के एक साल बाद उसे बंद करवाते हैं, तो कोई शुल्क लागू नहीं होता है।