अनुराग कश्यप इस दौर के प्रयोगधर्मी और रेबेल फिल्मकार होने के साथ ही अपने बात को बेबाकी के साथ भी रखना जानते हैं. उन्होंने इंडस्ट्री के कई एक्टर्स को फर्श से अर्श तक का सफर तय कराने में भी अहम रोल अदा किया है. पंकज त्रिपाठी, विनीत कुमार सिंह, रिचा चड्ढा, हुमा कुरैशी से लेकर नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसे कलाकार तक के नाम इसमें शामिल हैं. इन सभी को हिंदी सिनेमा में मुकाम दिलाने ने अनुराग का काफी बड़ा योगदान रहा है.
दूसरी ओर इस कारण से लोगों का यह भी मानना है कि वे स्ट्रगलर्स को काफी मौका तप देते हैं, कश्यप की भी अपनी रणनीति है वे अपनी फिल्मों में अक्सर तीन बार इन एक्टर्स को रिपीट तो करते ही है और उसके बाद उनके साथ कम ही काम किया करते हैं. अब हाल ही में अनुराग कश्यप ने कई दिलचस्प सवालों के जवाब दिए हैं. हाल ही में कश्यप ने फिल्म कंपैनियन के शो पर मनोज वाजपेई के एक सवाल का जवाब दिया. मनोज ने पूछा कि क्या कारण है कि कश्यप अक्सर विदेश में लिखने के लिए निकल जाते हैं.
तो इस सवाल पर अनुराग ने कहा कि मुझे घूमना पसंद है. मुझे लंबी फ्लाइट्स भी पसंद है क्योंकि मैं उनमें काफी देर तक लिख सकता हूं. मुझे लिखते समय एकांत की जरूरत होती है और विदेश में एक फायदा ये है कि किसी स्क्रिप्ट पर लिखते हुए मैं कहीं भी आ-जा सकता हूं और मुझे किसी एक्टर की चिंता नहीं करनी होती जो मुझसे आकर कहे कि सर मुझे इस फिल्म में रोल दीजिए. अनुराग ने आगे बताया कि लोगों के बीच ये धारणा है कि मैं अकेला ऐसा निर्देशक हूं जो बाहरी लोगों के साथ काम करता हूँ और वहीं कई लोग उन्हें कहते हैं कि हैं कि सर मेरा भी नवाज सर की तरह रंग काला हैं तो प्लीज हमें भी चांस दे दीजिए. इस पर अनुराग कहते हैं कि हालांकि कोई ये नहीं देखता कि वो एक्टर कितना बेहतरीन है, जिसने लंबा संघर्ष किया है और अच्छी ट्रेनिंग लें रखी है.