देश में अनलॉक 5.0 की शुरुआत हो गई है। बुधवार, 30 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पांचवे चरण के दिशा-निर्देश जारी किए। केंद्र सरकार ने अनलॉक 5.0 के तहत स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को खोलने की अनुमति दे दी है।
हालांकि, स्कूलों की तरफ से विद्यार्थियों को कक्षाओं में आने के लिए कोई दबाव नहीं बनाया जाएगा, बल्कि स्कूल जाने के लिए छात्रों को अभिभावकों की लिखित अनुमति लेनी होगी। ऑनलाइन कक्षाओं का आयोजन पहले की ही तरह जारी रहेगा।
केंद्र सरकार की तरफ से शैक्षणिक संस्थानों को खोले जाने की अनुमति दे दी गई हैं, लेकिन अंतिम फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा गया है। राज्य सरकारें अपने यहां कोरोना वायरस की स्थिति के आकलन के बाद शिक्षण संस्थानों को खोलने व बंद रखने परअंतिम फैसला ले सकती हैं।
राज्य सरकारें 15 अक्तूबर के बाद शिक्षण संस्थानों को खोल सकती हैं। इसके लिए शिक्षण संस्थानों के प्रबंधन से परामर्श जरूरी है।
जारी रहेंगी ऑनलाइन कक्षाएं
ऑनलाइन शिक्षण जारी रहेगा और सभी सूबों को इसे प्रोत्साहन करना होगा। स्कूल बच्चों को जबरन कक्षाओं में नहीं बुला सकेंगे। अगर छात्र ऑनलाइन कक्षाएं लेना चाहते हैं, तो ले सकते हैं।
अगर कोई विद्यार्थी स्कूल जाना चाहता है, तो उसे अभिभावकों को लिखित सहमति स्कूलों को देनी होगी। विद्यार्थियों को स्कूल भेजने को लेकर कोई दबाव नहीं होगा। इसके अलावा स्कूलों में उपस्थिति की अनिवार्यता भी नहीं होगी।
राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों की सरकारों द्वारा अपने राज्य या क्षेत्र में स्थित स्कूलों के लिए एसओपी तैयारी होगी जो कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा तैयार एसओपी पर आधारित होगी।
स्कूलों व शिक्षण संस्थानों के खुलने पर एसओपी का पालन करना अनिवार्य होगा। उच्च शिक्षा संस्थान 15 अक्टूबर से साइंस और टेक्नोलॉजी स्ट्रीम में पीएचडी और पोस्ट-ग्रेजुएट छात्र-छात्राओं को लैबोरेट्री / एक्सपेरीमेंटल कार्यों के लिए खोले जाएंगे।
गौरतलब अनलॉक 4 के दिशा-निर्देशों में 9वीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए स्कूलों को खाले जाने की छूट दी गई थी।