केेंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा व राजस्थान के किसान 26 से 28 नवंबर तक के ‘दिल्ली कूच’ पर निकले हैं। गुरुवार को इनका दिल्ली में प्रवेश रोकने के लिए दिल्ली-हरियाणा सीमा पर पुलिस व सुरक्षा बलों की तैनाती व बेरिकेड आदि लगाकर सख्त इंतजाम किए गए हैं।
अंबाला हाईवे पर रोके जाने के दौरान बुधवार को किसानों की पुलिस से झड़प हुई। 100 किसान हिरासत में लिए गए। क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है। वरिष्ठ अधिकारी हालात पर नजर रखे हुए हैं। ड्रोन से भी नजर रखी जा रही है।
दिल्ली कूच में एक लाख किसानों के जुटने का दावा किया जा रहा है। किसानों ने चेतावनी दी है कि यह उन्हें रोका गया तो वे दिल्ली जाने वाले सारे रास्ते जाम कर देंगे। इधर, किसान को दिल्ली आने से रोकने के लिए गुरुवार को दिल्ली मेट्रो ने अपनी सेवाओं में बदलाव किया है। दिल्ली से नोएडा, गाजियाबाद समेत एनसीआर के सभी शहरों को जोड़ने वाली लाइनों पर बार्डर के दो स्टेशनों के बीच मेट्रो सेवा दोपहर दो बजे तक बंद रहेगी।
अंबाला-पटियाला के शंभू बॉर्डर पर पुलिस इस वक्त प्रदर्शनकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ रही है। जिससे कुछ भगदड़ मच गई है। हालांकि इन सबके बावजूद किसान वहां डटे हुए हैं और कह रहे हैं कि भले ही पुलिस के वॉटर कैनन का पानी खत्म हो जाए लेकिन हम आगे बढ़कर रहेंगे।
एक ओर जहां पंजाब के किसान अंबाला से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं हरियाणा के किसान भी करनाल में इकट्ठा हो गए हैं। एक प्रदर्शनकारी का कहना है कि पुलिस ने सड़कों पर बैरिकेडिंग कर दी है। आम लोगों को इससे परेशानी हो रही है। प्रशासन को रोड बंद नहीं करना चाहिए था।