शिलाजीत के फायदे गुण और नुकसान जानकर आपके उड़ जायेगें होश…

शिलाजीत हिमालय की पहाड़ियों और चट्टानों पर पाया जाने वाला एक चिपचिपा और लसलसा पदार्थ है जो काले या भूरे रंग का होता है। शिलाजीत का उपयोग करीब पांच हजार सालों से हर तरह की बीमारियों के इलाज में किया जाता है। आयुर्वेद में शिलाजीत के फायदे और गुणों का अधिक महत्व है। इसमें कई तरह के मिनरल पाये जाते हैं जिस वजह से इसे कई असाध्य रोगों के इलाज में भी इस्तेमाल किया जाता है।

शिलाजीत का सेवन पुरुषों में यौन शक्ति बढ़ाता है और बढ़ती उम्र को रोकता है। कहा जाता है कि शिलाजीत की खुराक का हजारों मर्ज की एक दवा के रूप में उपयोग किया जाता है। तो आइये जानते हैं कि शिलाजीत के सेवन से किन बीमारियों से बचा जा सकता है और हमारे स्वास्थ्य को इससे क्या क्या फायदे हैं।

अल्जाइमर दिमाग से जुड़ी बीमारी है जिसमें यादाश्त, व्यवहार और सोचने-समझने की क्षमता पर असर पड़ता है। अल्जाइमर के लक्षणों के इलाज के लिए वैसे तो कई दवाएं मौजूद हैं लेकिन कुछ रिसर्च यह दावा करते हैं कि शिलाजीत अल्जाइमर से बचाने में काफी उपयोगी है और यह धीरे-धीरे अल्जाइमर के लक्षणों को कम कर देता है।

शिलाजीत में फुल्विक एसिड नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो न्यूरॉन में अधिक टॉ प्रोटीन जमा होने से रोकता है इससे हमारी यादाश्त की क्षमता बढ़ती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि शिलाजीत में मौजूद फुल्विक एसिड असामान्य रूप से टॉ प्रोटीन के निर्माण को रोकता है और सूजन को कम करता है जिससे अल्जाइमर के लक्षण कम होने लगते हैं।

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टेस्टोस्टीरॉन पुरुषों में पाया जाने वाला सेक्स हार्मोन है। लेकिन कुछ पुरुषों में इस हार्मोन का स्तर काफी कम होता है। इसकी वजह से सेक्स की इच्छा में कमी, बाल झड़ना, थकान और मोटापा बढ़ने लगता है। पैंतालिस से पचपन साल की उम्र के कुछ पुरूषों पर एक स्टडी की गई जिसमें आधे पुरुषों को प्लेसिबो दवा और आधे को दिन में दो बार 250 मिलीग्राम शिलाजीत की खुराक दी गई। स्टडी में पाया गया कि लगभग तीन महिने में शिलाजीत की खुराक लेने वाले पुरुषों के टेस्टोस्टीरॉन का लेवल बढ़ चुका था।

क्रोनिक फॉटिग सिंड्रोम (सीएफएस) एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति को काफी लंबे समय तक थकान और सुस्ती का अनुभव होता है। सीएफएस से पीड़ित व्यक्ति किसी भी काम को एक्टिव होकर नहीं कर पाता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि शिलाजीत की खुराक सीएफएस के लक्षणों को दूर कर एनर्जी स्टोर करने में मदद करती है।

सीएफएस शरीर में कोशिकाओं को पर्याप्त ऊर्जा उत्पन्न करने से रोकता है जिससे की माइटोकांड्रिया की कार्यक्षमता प्रभावित होने लगती है। शिलाजीत माइटोकांड्रिया के कार्यक्षमता को मजबूत करने में मदद प्रदान करता है जिससे शरीर में एनर्जी फिर से स्टोर होने लगती है और थकान की समस्या दूर हो जाती है।

चूंकि शिलाजीत में पर्याप्त मात्रा में फुल्विक एसिड, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लैमेटरी गुण मौजूद होते हैं। इसलिए यह फ्री रेडिकल से हमारी रक्षा करता है और कोशिकाओं को टूटने से बचाता है। शिलाजीत का नियमित सेवन करने से आप बिल्कुल स्वस्थ रहते हैं और यह बुढ़ापे को रोकता है जिससे आप हमेशा जवान दिखते हैं।

शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन न मिलने से खून की कमी हो जाती है। इसकी वजह से थकान, कमजोरी, सिरदर्द, हृदय की गति बढ़ना और हाथ पैर ठंडे पड़ जाते हैं। शिलाजीत की खुराक लेने से शरीर में धीरे-धीरे आयरन की कमी पूरी होने लगती है। यह रेड ब्लड सेल्स की संख्या को बढ़ाता है जिससे एनीमिया की समस्या अपने आप खत्म हो जाती है।

पुरुषों में शिलाजीत बांझपन की समस्या को दूर करने में काफी उपयोगी साबित होता है। बांझपन की समस्या से ग्रस्त 60 पुरुषों पर एक स्टडी की गई, जिसमें उन्हें तीन महीनों तक भोजन के बाद दिन में दो बार शिलाजीत की खुराक दी गई। तीन महीने बाद स्टडी में शामिल साठ प्रतिशत पुरुषों के स्पर्म में वृद्धि हो गई।

नियमित शिलाजीत का सेवन करने से हृदय मजबूत रहता है और हृदय रोगों का खतरा कम हो जाता है। प्रयोगशाला में कुछ चूहों पर किए गए परीक्षण में पाया गया है कि शिलाजीत का रोजाना सेवन करने से हृदय की बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है।

अधिकतर शिलाजीत का प्रयोग आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है इसलिए इसके नुकसान (साइड इफेक्ट) बहुत कम होते हैं लेकिन इसका उपयोग सही तरीके और सही मात्रा में न करने पर आपको शिलाजीत के साइड इफेक्ट भी झेलने पड़ सकते हैं।

शिलाजीत का सेवन के साथ दूसरे आयरन सप्लीमेंट लेने पर इसका साइड इफेक्ट हो सकता है क्योंकि शिलाजीत में अधिक मात्रा में आयरन पाया जाता है। इसके साथ अन्य आयरन सप्लीमेंट लेने पर खून में आयरन की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है। इससे ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।
कभी-कभी शिलाजीत के सेवन से एलर्जी की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसलिए यदि आपको खुजली और मिचली का अनुभव हो या हृदय की धड़कन की गति बढ़ जाए तो शिलाजीत के सेवन को तुरंत बंद कर देना चाहिए। हालांकि इस तरह के साइड इफेक्ट कम ही देखने को मिलते हैं।

अगर आप पहले से कोई दवा खा रहे हों तो शिलाजीत का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श ले लें, अन्यथा शिलाजीत का सेवन का साइड इफेक्ट हो सकता है।
शिलाजीत का अधिक मात्रा में सेवन करने पर यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जिससे पित्त में परेशानी पैदा हो सकती है। हालांकि ऐसी समस्या शिलाजीत की अधिक खुराक लेने पर ही उत्पन्न होती है

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