फ़िल्मी दुनिया में पहचाने जाने वाले इस कलाकार के बारे में आज हम आपको कुछ ऐसी बाते बताने जा रहे हैं बॉलीवुड के 105 साल के इतिहास में ऐसे कई एक्टर आये जिन्होंने एक्टिंग के क्षेत्र में मानो नई इबादत ही लिख दी । उनके हुनर और उनकी कला को ना केवल देश में बल्कि विदेशो भी खूब सराहा गया । आज भी हम आपको एक ऐसे ही कलाकार से मिलवाने जा रहे हैं जिसने बॉलीवुड मे एक्टिंग का मानो चलन ही बदल दिया । ही-मैंन, एंग्री मैंन जैसे कई उपनामों जिसको जानकर आप भी दांतों तले ऊँगली दबा लेगे ।
ये कोई और नही बल्कि हम सबके फेवरेट हीरो धर्मेन्द्र हैं । नाम सुनते ही वह डायलोग जरुर याद आ गया होगा ” कुत्ते में तेरा खून पी जाऊँगा।” 8 दिसम्बर 1935 को पंजाब राज्य के कपूरथला जिले में जन्मे धर्म पाजी ने एक्टिंग कैरियर की शुरुवात सन 1960 में आई फ़िल्म “दिल भी तेरा हम भी तेरे” से की थी। फिल्मो में आने से पहले धर्मेन्द्र सवा सौ रूपये की तनख्वा पर रेलवे में क्लर्क की नौकरी करते थे । फिल्मो का इतना जनून था की सन 1949 में आई फिल्म “दिल्लगी” को धर्मेन्द्र ने कम से कम 40 बार देखा था । इसके लिए धर्म पाजी क्लास से भी बंक मार दिया करते थे ।
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इस बात को बताते हुए धर्म पाजी के चेहरे पर आज भी हंसी आ जाती हैं । धर्मेन्द्र ने अपने एक्टिंग कैरियर में हर तरह की रोल सफलतापुर्वक किए हैं लेकिन असली ख्याति उनको एक्शन हीरो के रूप में मिली । आपकी जानकारी के लिए बता दे की धर्मेन्द्र ने कभी डबल रोल के लिए किसी का इस्तेमाल नही किया बल्कि खुद सारे रोल किए । जानकार बताते हैं की फिल्म “माँ” में धर्मेन्द्र का एक सीन था जिसमे उनको चीते के साथ मुकाबला करना था, उस वक्त सब हैरान रह गये जब धर्मेन्द्र खुद चीते से भीड़ गये । हालाकि ये चिता ट्रेंड था और उसके ट्रेनर भी वही मौजूद रहे लेकिन किसी हीरो का ऐसा करना अपने आप में बहादुरी भरा काम हैं । निजी जीवन को लेकर धर्मेन्द्र हमेशा सुर्खियो में रहे हैं ।