मुख्य रूप से चार दिशाएं मानी गयी है। एक बात वैज्ञानिक रूप से भी प्रमाणित है की पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र उत्तर-दक्षिण की ओर होता है और हमारे दैनिक जीवन के कई काम इस चुम्बकीय क्षेत्र के द्वारा प्रभावित होते हैं। यह बात भारतीय वास्तु शास्त्र भी कहता है इसलिए सोने के लिये , खाने के लिए और कई अन्य कामो के लिए दिशाएं तय है। जानिए दिशाओं सम्बन्धित ये बातें
– सोते समय सदैव सर दक्षिण या पूर्व की ओर होना चाहिए ऐसा न होने पर सरदर्द या अन्य प्रकार की समस्यांए हो सकती है।
-गर्भवती स्त्रियां कभी भी ईशान कोण अर्थात पूर्वतोत्तर वाला कमरा सोने के लिए प्रयोग न करें। बेहतर होगा अगर कमरा दक्षिण पश्चिम दिशा में हो।
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– छोटे बच्चों के लिए आवश्यक है कि उन्हें पूर्व दिशा में सर रखके सुलाया जाये।
– हाई ब्लड प्रेशर वाले लोग कभी भी दक्षिण पूर्व वाले स्थान पर न रहें क्योंकि यह स्थान अग्नि का आधिक्य वाला होता है। इस कारण समस्यांए बढ़ सकती है।
-भोजन सदैव पूर्व और उत्तर दिशा की और मुह करके ही खाएं। दक्षिण दिशा में मुह करके भोजन करने से पाचन सम्बन्धी कई बीमारियां हो सकती हैं।