सेक्स से पहले वजाइना (प्राइवेट पार्ट) में पैशन डस्ट या ग्लिटर कैप्सूल डालने के बढ़ते ट्रेंड को लेकर डॉक्टरों ने चेताया है.
सेक्स में ज़्यादा इंजॉय के लिए लोग ग्लिटर कैप्सूल का इस्तेमाल कर रहे हैं. ब्रिटेन समेत कई देशों के गाइनकॉलजिस्ट ने इससे बाज आने की सलाह दी है.
डॉक्टरों ने कहा है कि इसके इस्तेमाल से खुजली, दर्द और इन्फेक्शन को बढ़ावा मिलता है. हालांकि इसे बनाने वाली कंपनी प्रेटी वुमन इंक ने दावा किया है कि इसका इस्तेमाल बिल्कुल सुरक्षित है.
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प्रेटी वुमन इंक की वेबसाइट के मुताबिक पैशन डस्ट एक स्पार्कलाइज़्ड कैप्सूल है जिसे वजाइना में सेक्शुअल इंटरकोर्स से कम से कम एक घंटा पहले डाला जाता है.
यह कैप्सूल स्वाभाविक वजाइनल तरल को ज़्यादा नम और गर्म कर देता है. कैप्सूल से रेत के आकार में चमकीला ग्लिटर निकलता है. ये कैप्सूल कैंडी फ्लेवर्ड होते हैं.
अगर आपको लगता है कि भला इस कैप्सूल का इस्तेमाल कौन करता होगा तो प्रेटी वुमन इंक वेबसाइट का दावा है कि फिलहाल आउट ऑफ स्टॉक है और ऑर्डर की बाढ़ लगी हुई है.
यह कैप्सूल जेलटीन टैबलेट की तरह होता है जो वजाइना में जाते ही घुल जाता है और उसके बाद असंख्य ग्लिटर पैदा करता है और इससे फ्लेवर्ड जोश पैदा होता है.
इस कैप्सुल की मार्केटिंग में कहा जा रहा है कि एक छोटी सी गोली आपके आनंद की अनुभूति को जादुई बना देगी.
हालांकि इस गोली को लेकर मेडिकल की दुनिया से जुड़े लोगों ने चेतावनी दी है. कनाडा की फिज़िशन डॉ जेन पहली शख़्स हैं जिन्होंने पहली बार महिलाओं से कहा, ”वजाइना में ग्लिटर बम नहीं डालें.”
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ”इससे ‘गुड वजाइनल बैक्टीरिया’ को नुक़सान पहुंचता है और इन्फेक्शन की आशंका भी बढ़ जाती है. इसके साथ ही यौन संक्रमण को भी बढ़ावा मिलता है. इसे इस तरह कतई नहीं सोचना चाहिए कि ग्लिटर लिप ग्लॉस से आपके होंठ सुरक्षित हैं तो वजाइना भी सुरक्षित है. दोनों में बहुत फ़र्क है.”