डीयू के रामजस कॉलेज में हुई झड़प का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. यह विवाद सोशल मीडिया में भी छा गया है. एबीवीपी के समर्थन और विरोध में छात्र और अन्य लोग फेसबुक और ट्वीटर पर आ गए हैं. शनिवार को ‘मैं एबीवीपी ने नहीं डरती’ और ‘मैं एबीवीपी का समर्थन करती हूं’ पोस्ट छाए रहे.
शुक्रवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई कॉलेजों की छात्राओं ने एबीवीपी के विरोध में सोशल मीडिया पर कैंपेन शुरू किया था. इसमें छात्राओं ने हाथ में ‘मैं एबीवीपी ने नहीं डरती’ लिखा पोस्टर लेकर अपनी तस्वीरें शेयर की थीं. इनमें से एक लेडी श्रीराम कॉलेज की स्टूडेंट गुरमेहर कौर थी. गुरमेहर ने अपने आपको शहीद की बेटी बताया है.
एबीवीपी के विरोध के साथ ही समर्थन में भी डीयू की कई छात्राओं ने फेसबुक वॉल पर अपनी तस्वीर शेयर की. इन तस्वीरों में लिखा था. देश विरोधी तत्वों के विरोध में ‘मैं एबीवीपी का समर्थन करती हूं’.
एबीवीपी के विरोध और समर्थन में फेसबुक पर चलाए गए कैंपेन शनिवार को सोशल मीडिया में खूब वायरल हुए. हजारों लोगों ने छात्राओं की पोस्ट को लाइक और शेयर किया.
I will join the march against Goondaism this Tuesday starting from Khalsa college at 1pm. Flood the online media with your pictures.
एबीवीपी के विरोध और समर्थन में डीयू के बाहर के लोग भी कूद पड़े हैं. जेएनयू के काफी स्टूडेंट एबीवीपी के विरोध में अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं. एबीवीपी के समर्थन में एक शहीद का भाई भी उतर आया है. उसने खुद को डॉक्टर बताया है और कहा है कि मैं डीयू का स्टूडेंट नहीं हूं लेकिन देश के हित में मैं एबीवीपी का समर्थन करता हूं.
गौरतलब है कि जेएनयू छात्र उमर खालिद के डीयू में होने वाले कार्यक्रम को रद्द किए जाने को लेकर बुधवार को आइसा और एबीवीपी के छात्रों के बीच झड़प हुई थी. रामजस कॉलेज में उमर खालिद और शेहला रशीद को कॉलेज की लिटरेरी सोसायटी ने एक टॉक में हिस्सा लेने के लिए बुलाया था.
खालिद को ‘द वॉर इन आदिवासी एरिया’ विषय पर बोलना था. लेकिन, एबीवीपी के विरोध के चलते रामजस कॉलेज को ये प्रोगाम रद्द करना पड़ा. आइसा और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा हुई थी.