हैदराबाद नगर निगम चुनाव : सुबह 10 बजे तक बीजेपी 74 सीटों पर आगे हैं, जबकि टीआरएस 31 सीटों पर आगे है. वहीं, AIMIM 13 सीटों पर आगे है और एक सीट जीत चुकी है. कांग्रेस सिर्फ एक सीट पर आगे है.

2016 में हुए ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव की बात करें तो टीआरएस ने 150 वार्डों में से 99 वार्ड में जीत हासिल की थी, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को 44 वार्ड में जीत मिली थी. जबकि बीजेपी महज तीन नगर निगम वार्ड में जीत दर्ज कर सकी थी और कांग्रेस को महज दो वार्डों में ही जीत मिली थी. इस तरह से ग्रेटर हैदराबाद और पुराने हैदराबाद के निगम पर केसीआर और ओवैसी की पार्टी ने कब्जा जमाया था.
भारतीय जनता पार्टी की ओर से अमित शाह समेत कई बड़े नेताओं के प्रचार के लिए उतारने के बाद भी वोटिंग प्रतिशत में इजाफा नहीं हो सका और इस बार 46.55% मतदान हुआ. 2009 के हैदराबाद नगर निगम चुनाव में 42.04 फीसदी तो 2016 में हुई नगर निगम चुनाव में 45.29 फीसदी लोगों ने ही वोट डाले थे. हालांकि पिछले 2 चुनाव से ज्यादा इस बार वोटिंग दर्ज की गई.
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है. यह नगर निगम 4 जिलों में है, जिनमें हैदराबाद, मेडचल-मलकजगिरी, रंगारेड्डी और संगारेड्डी शामिल हैं. पूरे इलाके में 24 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं तो तेलंगाना की 5 लोकससभा सीटें आती हैं. यही वजह है कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में केसीआर से लेकर बीजेपी, कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी तक की साख दांव पर लगी हुई है.
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