सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यह सुझाव दिया कि गत शुक्रवार को हैदराबाद में हुए पुलिस एनकाउंटर की जांच शीर्ष अदालत के ही किसी सेवानिवृत्त जज की निगरानी में कराई जानी चाहिए। इस एनकाउंटर में हैदराबाद पुलिस ने महिला पशु चिकित्सक से सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर शव जला देने वाले चार आरोपियों को हिरासत से भागते समय मार गिराया था।
इस एनकाउंटर को गैरकानूनी बताने वाली वकील जीएस मणि और मुकेश कुमार शर्मा की जनहित याचिका पर शीर्ष अदालत ने बृहस्पतिवार को विस्तृत सुनवाई का निर्णय लिया है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता में जस्टिस एस. अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की मौजूदगी वाली पीठ ने कहा, हम इससे अवगत हैं कि इस मामले को तेलंगाना हाईकोर्ट देख रही है। लिहाजा हम सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज को मामले की जांच के लिए नियुक्त कर सकते हैं।
पीठ ने यह भी कहा कि सेवानिवृत्त जज तेलंगाना में नहीं बल्कि दिल्ली से ही निगरानी के काम को अंजाम देंगे। पीठ ने याचिकाकर्ताओं और तेलंगाना सरकार को सेवानिवृत्त जज का नाम सुझाने के लिए कहा है। उधर, तेलंगाना सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने पीठ से इस मामले में किसी तरह का आदेश पारित करने से पहले अपना पक्ष सुनने का आग्रह किया।
सामूहिक दुष्कर्म के बाद मार दी गई महिला पशु चिकित्सक के पिता ने बुधवार को कहा कि आरोपियों के गलत कामों के कारण आज पांच परिवार कष्ट भोग रहे हैं। उन्होंने एक एजेंसी से कहा, मेरी बेटी को मार डालने वाले चारों लोग इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन हमारी जिंदगी हम पर भारी हो गई है। पांच परिवार तकलीफ से घिर गए हैं।
उधर, तेलंगाना सरकार ने भी इस पुलिस मुठभेड़ की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन कर दिया है। इस बात की जानकारी तेलंगाना सरकार की तरफ से बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश वकीलों ने दी है। महिला पशु चिकित्सक के पिता ने कहा, ऐसी गलतियां अब दोबारा नहीं होनी चाहिए। पुलिस, लोग, माता-पिता अब बहुत कष्टों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने सवाल करते हुए पूछा कि आखिर ऐसा करना जरूरी था।
गौरतलब है कि 27 नवंबर को राज्य के शम्साबाद में चार लोगों ने महिला पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था और बाद में उसे मारकर शव को जला दिया। डॉक्टर का अधजला शव अगले दिन बरामद हुआ। करीब एक सप्ताह बाद चारों आरोपियों मोहम्मद आरिफ, नवीन, शिवा और चेन्नेकेशवुलु को पुलिस ने मुठभेड़ में मार दिया था।
उधर राज्य के टीवी मीडिया में सत्ताधारी टीआरएस की एक महिला विधायक की भी आरोपियों के परिजनों से हमदर्दी जताती क्लिप वायरल हो रही है। इस क्लिप में टीआरएस की महिला विधायक जी. सुनीता कथित तौर पर यह कह रही हैं कि चारों आरोपियों के परिजन को जब उनके मारे जाने की खबर मिली होगी तो वे भी गहरे दुख में डूब गए होंगे।
एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों को ड्यूटी से हटाने की मांग
सुप्रीम कोर्ट में तेलंगाना पुलिस पर महिला पशु चिकित्सक मामले के आरोपियों को गैरकानूनी तरीके से एनकाउंटर में मारने के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता वकील जीएस मणि ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
याचिका में कहा गया कि इस मामले में तेलंगाना पुलिस ने कानून को हाथ में लेते हुए सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के चारों आरोपियों को उचित जांच किए व सबूत एकत्र किए बिना ही एनकाउंटर में मार गिराया। न्यायपालिका तक मामला पहुंचने से पहले ही पुलिस ने गैरकानूनी तरीके से इस मामले को अंजाम दिया।
याचिका में कहा गया कि सनसनीखेज सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के कारण लोगों में आक्रोश को देखते हुए ध्यान भटकाने के लिए एनकाउंटर किया गया। याचिका में मांग की र्गइ है कि जब तक इस मामले की जांच नहीं हो जाती तब तक एनकाउंटर में शामिल पुलिस अधिकारियों को ड्यूटी से दूर रखना चाहिए। शीर्ष अदालत इस पर बृहस्पतिवार को विस्तृत सुनवाई करेगी।