हरियाणा के हिसार में 72 गांव के बकाया बीमा क्लेम को लेकर एवं गुलाबी सुंडी से कपास की फसल के नुकसान का मुआवजा लेने को की मांग को लेकर पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति एवं भारतीय किसान मजदूर यूनियन के तत्वाधान में जिले भर के हजारों किसान अपने ट्रैक्टर, ट्रालिया, गाडियां लेकर हिसार के लघु सचिवालय पर पहुंचे और पक्का मोर्चा लगाया।
ट्रैक्टरों की इतनी भारी संख्या से प्रशासन के सारे प्रबंध फेल हो गए। शहर के हर गली सड़क कूचे पर ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर नजर आ रहे थे। किसान अपने ट्रैक्टर खड़े करके लघु सचिवालय पर एकत्रित हुए और वहां पर जनसभा की।जनसभा की अध्यक्षता संगठन के जिला प्रधान सतीश बेनीवाल व धर्मपाल बडाला ने संयुक्त रूप से की।
सभा का संचालन जिला सचिव गोपाल ओड ने किया। हजारों किसानों की सभा को संगठनों के राज्य प्रधान मनदीप नाथवान, राज्य महासचिव संदीप सिवाच, सुरेश कोथ, सारज भुल्लर, चरणपाल लुदास, कुलदीप हिंदुस्तानी, के डी अग्रोहा, परदीप मालिक, अनिल गोरछी, आत्मा राम पातन, एडवोकेट विक्रम मित्तल, कमल बराड़, संदीप दलाल, ओमप्रकाश हसंगा, कर्ण सिंह आर्य, सूरजभान डाया, मुकेश डाया आदि ने संबोधित किया।
प्रेस को जारी बयान में संगठन के जिला सचिव गोपाल ओढ़ ने बताया कि पिछले लगभग 1 साल से संगठन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजे की मांग को लेकर हिसार जिले में संघर्षरत है। और पिछले पक्के मोर्चे के दौरान 72 गांव का जो बीमा क्लेम बच गया था उस क्लेम को जल्द से जल्द जारी करने के लिए जिला प्रशासन और राज्य सरकार ने हामी भरी थी।
परंतु 6 महीने से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बावजूद भी आज तक उन गांव का क्लेम जारी नहीं किया गया है। इस बात को लेकर 8 दिसंबर को भी संगठन की तरफ से प्रदर्शन किया गया था और उसमें भी प्रशासन ने 31 दिसंबर तक बकाया पैसा किसानों के खाते में डालने का आश्वासन दिया था।
परंतु आज रोज तक भी उनका मुआवजा नहीं मिला है। इसी प्रकार गुलाबी सुंडी की वजह से कपास की फसल का नुकसान हुआ है, उसका मुआवजा भी किसानों का बकाया है। किसानों ने एकमत से घोषणा की कि जब तक सबका बीमा क्लेम नहीं मिलेगा तब तक पक्का मोर्चा जारी रहेगा।