मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि रोहतांग के बाद अब तीन और टनल बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत 16000 फीट से ज्यादा ऊंचाई वाले बारालाचा दर्रा पर 13.2 किलोमीटर लंबी टनल बनाने पर विचार किया जा रहा है।
जबकि लाचुंग पास पर 14.78 किलोमीटर और 17000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई वाले तंगलांगला दर्रा पर 14.78 किलोमीटर लंबी टनल बनाने की योजना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल टनल रोहतांग के बनने से एक ओर जहां प्रदेश के लाहौल, पांगी व भरमौर जैसे क्षेत्रों के लिए पर्यटन, कृषि और बागवानी के क्षेत्र में नई संभावनाएं खुलेंगी।
वहीं, देश की सुरक्षा के लिए दुश्मन की पहुंच से दूर इस टनल के रास्ते कम समय में सेना को सीमा तक पहुंचाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस टनल को बनाने का सपना पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने ही देखा था और उन्होंने ही साल 2000 में लाहौल जाकर इसकी घोषणा की थी।
इसके बाद जून 2002 में इसकी नींव रखी गई थी। उन्होंने कहा कि जब वाजपेयी ने इस टनल की घोषणा की थी उस समय भी वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके साथ मौजूद थे।
अब जब यह टनल बनकर तैयार हुई है तो प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी इस टनल का लोकार्पण करने जा रहे हैं।