हाथरस कांड के बाद मथुरा से गिरफ्तार किए गए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के चार सदस्यों से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पूछताछ करेगी। ये चारों यहां अस्थायी जेल में बंद हैं। इन पर विदेशी फंडिंग से हिंसा भड़ाकाने की साजिश रचने का आरोप है।

आरोपियों से पूछताछ के लिए ईडी की टीम ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में अर्जी दाखिल कर अनुमति मांगी थी। अदालत ने मंगलवार को अर्जी को स्वीकार करते हुए आरोपियों से पूछताछ की अनुमति दे दी है।
पांच अक्तूबर को स्विफ्ट कार में हाथरस जा रहे चार संदिग्ध युवकों को यमुना एक्सप्रेसवे के मांट टोल प्लाजा पर पकड़ा गया था। पकड़े गए युवकों में अतीकुर्रहमान निवासी मुजफ्फरनगर, आलम निवासी रामपुर, सिद्दीक निवासी केरल, मसूद निवासी बहराइच शामिल हैं।
पुलिस ने उनके कब्जे से स्मार्टफोन और लैपटॉप बरामद किए थे। पुलिस का दावा है कि जांच में पता चला कि पकड़े गए युवक सीएफआई के सदस्य हैं और विदेशों से फंडिंग कर देश में दंगा फैलाने की साजिश रच रहे थे। वे हाथरस भी इसी उद्देश्य से जा रहे थे।
इन सबूतों के मिलने के बाद पुलिस ने अगली कड़ी के रूप में उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराकर जेल में भेज दिया। उधर, हिंसा भड़काने के लिए विदेशों से मिलने वाली धनराशि के खुलासे की जांच के लिए ईडी की टीम ने सोमवार को मथुरा में डेरा डाल दिया।
अस्थाई जेल में बंद सीएफआई के चार सदस्यों से पूछताछ के लिए ईडी की टीम ने सीजेएम कोर्ट में आवेदन किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। अदालत ने ईडी को आरोपियों से पूछताछ करने की अनुमति दे दी है। ईडी की 10 सदस्यीय टीम मथुरा में डेरा डाले हैं।
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