हाईकोर्ट पहुंचे प्रताप बाजवा: अपने खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने की मांग, सुनवाई कल

पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि पंजाब में 50 बम आए हैं, जिनमें से 18 फट चुके हैं और 32 अभी बाकी हैं। इसके बाद पंजाब में सियासी बवाल शुरू हो गया है।

हैंड ग्रेनेड वाले बयान पर पंजाब में सियासत गरमा गई है। नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा पर रविवार देर रात मोहाली के साइबर क्राइम पुलिस थाने में केस दर्ज किया गया और उन्हें समन भेजकर सोमवार को बयान दर्ज करवाने को कहा था। बाजवा के बजाय सोमवार को उनका वकील थाने पहुंचा और उसने पुलिस से समय की मांग की।

बाजवा के वकील ने कहा कि पुलिस का समन रविवार देर रात मिला था, जिसकी वजह से बाजवा समय रहते कानूनी सलाह नहीं ले पाए। अब वे मंगलवार दोपहर करीब दो बजे साइबर क्राइम थाने में पेश होकर बयान दर्ज करवाएंगे।

इससे पहले प्रताप सिंह बाजवा ने अपने खिलाफ 13 अप्रैल को दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है। मंगलवार सुबह दायर इस याचिका पर आज ही सुनवाई किए जाने की हाईकोर्ट से मांग की गई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई कल किए जाने के आदेश दे दिए हैं। बाजवा की तरफ से आज सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट विवेक तंखा और एपीएस देओल ने कहा कि बाजवा के खिलाफ यह एफआईआर राजनीतिक कारणों से दर्ज की गई है, इसलिए इस FIR को रद्द किया जाए।

वहीं बाजवा पर एफआईआर दर्ज करने के खिलाफ पंजाब कांग्रेस ने आप सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज पंजाब कांग्रेस चंडीगढ़ में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ सेक्टर-15 में प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस ने प्रदेश के सभी नेताओं को इस प्रदर्शन में पहुंचाने का आह्वान किया है। सोमवार को कांग्रेस ने कई जिलों में मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ प्रदर्शन भी किया।

पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा पर एफआईआर दर्ज करके सरकार ने सारी हदें पार कर दी हैं। बाजवा ने सिर्फ वो बात कही थी, जो पहले ही मीडिया रिपोर्ट कर चुकी है। हम कोर्ट में सरकार की इस कार्रवाई को चुनौती देंगे और साथ ही इसे लोगों के बीच लेकर भी जाएंगे।

बाजवा ने कहा था-पंजाब में 50 ग्रेनेड आए, 18 फटे
गौरतलब है कि बाजवा ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि पंजाब में 50 हैंड ग्रेनेड आए, इनमें से 18 का इस्तेमाल हुआ है, अब भी 32 बाकी हैं। इसके बाद सीएम भगवंत मान ने उन्हें घेरा था और कहा था कि अगर वे जानकारी साझा नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसी के बाद रविवार रात को एफआईआर दर्ज की गई थी। अब ये मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। पंजाब कांग्रेस ने मंगलवार को चंडीगढ़ सहित प्रदेश के अन्य जिलों में सरकार व पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।

बम गिनाने वाले अब वकील तलाशते फिर रहे हैं : मान
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा पर मंगलवार को एक बार फिर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार को एक आधारहीन और तर्कहीन बयान दिया है। इस तर्कहीन बयान का उद्देश्य केवल लोगों को डराना और उनके मन में दहशत पैदा करना था। सीएम ने कहा कि पंजाब के लोग ऐसे नेताओं को कभी माफ नहीं करेंगे। मान ने आगे तंज कसते कहा कि अब वह नेता बमों की स्थिति बताने के बजाय अपने गलत कार्यों के लिए कानून से बचने के लिए वकील तलाशते फिर रहे हैं। पटियाला की पंजाबी यूनिवर्सिटी की फेरी मौके मान ने विपक्षी दलों के नेताओं को चेतावनी दी कि वे धमकी और दहशत की राजनीति में शामिल होने से बचें, क्योंकि लोग उनके विभाजनकारी और शरारतपूर्ण रवैये को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष को मुद्दों पर आधारित राजनीति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

अपराधियों को छोड़ एक मैसेंजर के खिलाफ कर दी कार्रवाई : बाजवा
नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने कहा कि सीएम मान ने उनके बयान पर अपराधियों के खिलाफ तो कार्रवाई नहीं की, बल्कि एक मैसेंजर के खिलाफ कार्रवाई कर दी। बाजवा ने कहा कि रविवार को शाम 6.30 बजे यह एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन मोहाली कोर्ट के निर्देशों पर सोमवार शाम 4.30 बजे उनको इसकी कॉपी मिली है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पंजाब में कानून व्यवस्था के क्या हालात हैं। उन्होंने कहा कि सीएम मान यह कह रहे हैं कि बाजवा अब वकील ढूंढता फिर रहा है। एक व्यक्ति संदेश लेकर आया है, जो पंजाब के हालात के बारे में सीएम जानकारी दे रहा है, उसे ही निशाना बनाया जा रहा है। बाजवा ने कहा कि मैं पंजाब की सुरक्षा की लड़ाई लड़ रहा है और इस लड़ाई में कांग्रेस हाईकमान व पार्टी के सभी नेताओं व वर्करों के सहयोग के लिए उनका आभार जताता हूं।

सीएम मान ने राज्य की मशीनरी का किया दुरूपयोग : बिट्टू
केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीति बिट्टू ने कहा कि बाजवा की चिंताओं पर राजनेता के रूप में जवाब देने के बजाय मुख्यमंत्री ने एफआईआर दर्ज करके राज्य मशीनरी का दुरुपयोग करने का विकल्प चुना। सीएम मान ने न केवल पंजाब में गंभीर सुरक्षा चिंताओं को नजरअंदाज किया है, बल्कि इस मुद्दे का गैर-जिम्मेदाराना तरीके से राजनीतिकरण भी किया है। कैबिनेट रैंक वाले कांग्रेस नेता प्रताप बाजवा ने बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति पर केवल अपनी जायज चिंताएं जाहिर की हैं। इस तरह की कार्रवाई अलोकतांत्रिक और एक संवैधानिक पद के लिए अनुचित है।

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