जस्टिस विभू बाखरू ने कहा कि कोर्ट ने 13 जुलाई के अपने आदेश में साफ कर दिया था कि अधिकारियों को सरकार की बैठकों में हिस्सा लेना होगा लेकिन उनकी याचिकाओं पर फैसला होने तक उन पर कार्रवाई नहीं की जाएगी।
हाईकोर्ट ने यह प्रतिक्रिया अंशु प्रकाश की ओर से दायर याचिका पर दिया था। मुख्य सचिव ने अपनी याचिका में 13 जुलाई के आदेश को स्पष्ट करने का आग्रह किया था।
कोर्ट ने यह भी कहा कि अधिकारी समिति के समक्ष पेश नहीं होते हैं तो इसे अदालती अवमानना माना जाएगा। मुख्य सचिव के वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्घार्थ लूथरा ने कोर्ट से कहा कि विशेषाधिकार समिति चेयरमैन उनके प्रति पक्षपात व दुराग्रह रखते हैं।
एक वरिष्ठ नौकरशाह के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा मुख्य सचिव पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं होगी।