जीएसटी लागू होने के बाद यह पहला आम बजट होगा। साथ ही यह दूसरा मौका होगा जब आम बजट 1 फरवरी को ही पेश किया जा रहा है। लेकिन आपमें से शायद ही यह बात किसी को पता होगी कि नॉर्थ ब्लॉक में हलवा रस्म की अदायगी के बाद ही बजट को तैयार करने में शामिल अधिकारियों को एक तरह की कैद दे दी जाती है। दरअसल बजट बनाने की प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारी करीब एक हफ्ते के लिए बाहरी दुनिया से कट जाते हैं और इन्हें नॉर्थ ब्लॉक में कैद कर लिया जाता है। गौरतलब है कि 20 जनवरी 2018 को हल्वा रस्म संपन्न की गई थी।
कौन-कौन से अधिकारी होते हैं कैद:
बजट तैयार करने की प्रक्रिया के दौरान कैद होने वाले अधिकारियों में वित्त मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के साथ-साथ, विशेषज्ञ, प्रिंटिंग टेक्नीशियन और कुछ स्टेनोग्राफर्स को नॉर्थ ब्लॉक में कैद मिलती है। ये लोग इस दौरान अपने परिवार से भी बात नहीं कर पाते हैं। अगर परिजनों को अपने पारिवारिक सदस्य को कोई बहुत जरूरी सूचना भी देनी होती है तो वो दिए गए एक नंबर पर सिर्फ संदेश भर भेज पाते हैं।
आखिर कैद क्यों?
जानकारी के मुताबिक अधिकारियों को इस तरह की कैद दिए जाने के पीछे की प्रमुख वजह बजट की गोपनीयता है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान बजट टीम के सभी सदस्यों पर पैनी नजर रखी जाती है। इंटेलिजेंस ब्यूरो की एक टीम हर किसी की गतिविधि और उनके फोन कॉल्स पर बराबर नजर रखती है। यह टीम संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में काम करती है।
इनकी होती है सबसे ज्यादा निगरानी:
इन सभी अधिकारियों में से सबसे ज्यादा निगरानी स्टेनोग्राफरों की होती है। साइबर चोरी की संभावनाओं से बचने के लिए स्टेनोग्राफर के कम्प्यूटर नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (nic) के सर्वर से दूर होते हैं। जहां ये सारे लोग होते हैं वहां एक पावरफुल जैमर लगा होता है ताकि कॉल्स को ब्लॉक किया जा सके और किसी भी जानकारी को लीक न होने दिया जाए।
इस जगह छपता है बजट:
वित्त मंत्री का बजट भाषण सबसे सुरक्षित दस्तावेज होता है। इसलिए इसे बजट की घोषणा के दो दिन पहले ही प्रिंटर्स को थमाया जाता है। आपको बता दें कि पहले बजट के पेपर्स राष्ट्रपति भवन के अंदर प्रिंट होते थे, लेकिन साल 1950 के बजट के लीक हो जाने के बाद बजट मिंटो रोड के एक प्रेस में छपने लगा। साल 1980 से बजट नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में छप रहा है।