एजेंसी/ चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने जाट आंदोलन से जुड़ी प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया है। इस रिपोर्ट में यूपी के पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रकाश सिंह ने प्रशासनिक अधिकारियों के प्रति तल्ख टिप्पणी की है। इसमें कुल 90 अफसरों को लापरवाही से काम करने का दोषी बताया गया है।
इस रिपोर्ट के दायरे में एसपी से लेकर आईजी और सब इंस्पेक्टर से लेकर डीसी तक आए है। रिपोर्ट में तत्कालीन डीजीपी यशपाल सिंघल तक की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंघल हिंसा के दौरान आंदोलन प्रभावित जिलों में नहीं गए। रिपोर्ट मे झज्जर की डीसी अनिता यादव को गैर जिम्मेदाराना अफसर बताया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसक आंदोलन के दौरान लोगों की मदद के लिए एक कंट्रोल रुम तक नहीं बनाया गया। कई अफसरों की तारीफ भी की गई है और सरकार से उन्हें सम्मानित करने की सिफारिश की गई है। जिन अधिकारियों को सरकार सम्मानित करेगी उनमे जींद के तत्कालीन उपायुक्त विनय सिंह, नरवाना के तत्काली एसपी वसीम अकरम और गन्नौर की तत्कालीन एसडीएम संगीता तेतरवाल शामिल हैं।
13 मई को प्रकाश सिंह कमेटी ने हरियाणा सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी। कमेटी ने इस मामले को लेकर 2217 लोगों से मुालाकात की और 395 लोगों के बयान दर्ज किए।