दिल्ली और एनसीआर के प्रदूषण ने उत्तराखंड को भी अपने चपेट में ले लिया है। दिल्ली के प्रदूषण व हरियाणा-पंजाब में पराली जलाने की वजह से पिछले दो दिनों से उत्तराखंड के मौसम में धुंध छाई हुई है। दूसरी ओर अरब सागर में बने ‘महा’ चक्रवात ने मौसम में नमी बढ़ा दी है।
पिछले दिनों दीपावली की आतिशबाजी और पंजाब व हरियाणा में पराली जलाने की समस्या से दिल्ली व आसपास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। जिसका असर उत्तराखंड में भी देखने को मिल रहा है। हल्द्वानी, रुद्रपुर समेत उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में पिछले दो दिनों से गहरी धुंध छाई हुई है। पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह के मुताबिक दिल्ली के प्रदूषण से उत्तराखंड के मौसम में धुंध का आवरण (लेयर बिछना) बना हुआ है। जिससे मौसम में गहरी धुंध दिखाई दे रही है। डॉ. सिंह के मुताबिक अरब सागर में बने साइक्लोन की वजह से उत्तराखंड में नमी आ रही है। जिसके साथ धुंध भी उत्तराखंड पहुंच रही है। चक्रवात प्रभावी रहने तक धुंध का असर बना रह सकता है।
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कुमाऊं के ऊंचाई वाले हिस्सों में हिमपात
अरब सागर बने चक्रवात तूफान ‘महा’ का असर कुमाऊं में दिखने लगा है। पिथौरागढ़ के धारचूला, मुनस्यारी क्षेत्रों में रविवार दोपहर बाद बारिश हुई। वहीं पंचाचूली, हंसलिंग, राजरंभा, नंदा देवी आदि चोटियों पर बर्फबारी हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो-तीन दिन मौसम इसी तरह बने रहने का अनुमान है।
तापमान में गिरावट
चक्रवाती तूफान की वजह से अधिकतम तापमान में गिरावट देखने को मिली है। रविवार को हल्द्वानी का अधिकतम तापमान 28.8 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि शनिवार को 29 डिग्री तापमान था। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक मौसम में बने प्रदूषण के लेयर (धुंध) के छंटने के बाद तापमान में तेजी से गिरावट देखने को मिलेगी। पिथौरागढ़, चम्पावत में न्यूनतम तापमान दस डिग्री से नीचे पहुंच गया है।
नमी ला रही प्रदूषण भरी धुंध
डॉ. आरके सिंह, मौसम वैज्ञानिक पंतनगर विश्वविद्यालय ने बताया कि अरब सागर में बने मजबूत तूफान के कारण उत्तराखंड आ रही नमी अपने साथ दिल्ली से प्रदूषण भरी धुंध लेकर आ रही है। जिससे रविवार को तराई-भाबर में गहरी धुंध जैसी स्थिति रही।
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