कई बार तस्वीरें एक दूसरे व्यक्ति के पारस्परिक सम्बंध बखूबी बयान करती हैं। करनाल में केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह का जब हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने स्वागत किया तो वह उन्हें पूरी गर्म जोशी से मिले। शाह ने जब भाषण शुरू किया तो मंच से उन्होंने मुख्यमंत्री, प्रदेशाध्यक्ष के बाद हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का भी विशिष्ठ अंदाज में उल्लेख किया। बाकी मंत्रियों के नाम एक ही क्रम में इकट्ठे पढ़े। विज की केंद्रीय नेतायों में महत्व को बताने के करनाल से आई यह तस्वीर काफी है।
हरियाणा भजपा विधायकों में सबसे सीनियर विधायक व मनोहर पार्ट 1 व 2 में कैबिनेट मंत्री अनिल विज को व्यक्तिगत रूप से केंद्र के सभी बड़े नेता इसलिए भी जानते हैं क्योंकि राम जन्मभूमि आंदोलन हो या कोई संघर्ष (जब भजपा विपक्ष में थी तब किये गए), उनमें विज अग्रणीय रहे। विज के ट्वीट अक्सर देश के कई कोनों में चर्चा का कारण रहते हैं। अम्बाला दे छठीं बार विधायक बनना कोई सहज नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व विज में आत्मीयता कोई नई नहीं है।
हर किसी व्यक्ति के जीवन में कभी ऐसा पल आता है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। चंद तस्वीरें ऐसी होती हैं जो आपसी रिश्तों की, रिश्तों की मिठास की और एक दूसरे से नजदीकियों की, उस अहमियत को बयां कर देती हैं। जिसे कोई और नहीं देख सकता है। कुछ ऐसा ही नजारा आज करनाल में उस वक्त देखने को मिला जब हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री अमित शाह को रिसीव करने के लिए एयरपोर्ट पर पहुंचे। मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत हरियाणा भाजपा के अनेक बड़े नेता मौजूद थे, केंद्रीय गृहमंत्री का स्वागत भी भव्य तरीके से किया गया।
लेकिन इस सब के बीच जिस प्रकार का मिलन अमित शाह और अनिल विज का हुआ वह पल बेहद चौंकाने के साथ ही दोनों की आत्मियता को बयां करने वाला पल था। निश्चित रूप से ये पल अनिल विज के साथ-साथ हर उस व्यक्ति के लिए खास और यादगार बने जो इस मौके पर दोनों के मिलन के गवाह थे। अनिल विज को देखकर अमित शाह ने जिस प्रकार की मुस्कान बिखेरी, जिस प्रकार से आंखों ही आंखों में एक दूसरे का अभिवादन किया, उसने एक बार फिर से साबित कर दिया कि दोनों के बीच बेहद गहरी दोस्ती के साथ-साथ ऐसी नजदीकी है जिसे समझ पाना हर किसी के बूते की बात नहीं है। दरअसल कॉलेज के दौर से ही अनिल विज आरएसएस से जुड़े रहे हैं। हरियाणा में पहले आरएसएस को और फिर भाजपा को मजबूती प्रदान करने में अनिल विज की अहम भूमिका रही है। उसी दौर से ही अनिल विज अमित शाह के काफी करीबी रहे हैं।
संगठन को खड़ा करने में, पार्टी को मजबूत बनाने में, दरी बिछाने से लेकर भाजपा को हरियाणा में सत्ता दिलवाने तक में अनिल विज ने अहम भूमिका निभाई है। अमित शाह अनिल विज के सहयोग, साथ, समर्पण से भली प्रकार से वाकिफ हैं। सत्ता में आने से पहले का दौर हो या फिर सत्ता प्राप्ति के बाद का, अमित शाह और अनिल विज के बीच घंटों की वार्तालाप होती रही हैं, पार्टी को, संगठन को मजबूत बनाने में, प्रदेश में किन नीतियों को लागू किया जाना है, राजनीतिक समीकरणों को कैसे साधना है, किन नीतियों पर चलकर भाजपा को मजबूती प्रदान की जा सकती है, समेत अनेक गहन और गंभीर मुद्दों पर दोनों ही नेता अक्सर चर्चा करते रहे हैं और यही कारण है कि दोनों नेताओं के बीच एक मूक ऐसा रिश्ता है जिसे शब्द भी बयां नहीं करते हैं। बयां करते हैं तो मौके के हालात, एक दूसरे के हाव-भाव और आंखों ही आंखों में की जाने वाली बातचीत।