अमेरिका के हार्वे जे ऑल्टर, माइक ह्यूटन व ब्रिटिश विज्ञानी चार्ल्स एम राइज को हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज के लिए इस वर्ष का नोबेल पुरस्कार (चिकित्सा) दिया गया है। हेपेटाइटिस सी से सिरोसिस व लिवर कैंसर जैसी घातक बीमारियां भी हो सकती हैं। यह वायरस संक्रमित खून से फैलता है। इसके लक्षण दिखाई देने में कई बार 10 साल लग जाते हैं और तब तक लिवर को काफी नुकसान हो चुका होता है।

लक्षण
- खुजली होना
- भूख न लगना
- पैरों में सूजन रहना
- मांसपेशियों में दर्द रहना
- बहुत ज्यादा थकान होना
- अचानक वजन कम होना
- त्वचा व आंखों का पीला होना
- चक्कर आना व बोलने में परेशानी होना
7.1 करोड़ लोग हैं पीड़ित : विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनियाभर में 7.1 करोड़ लोग हेपेटाइटिस सी से पीड़ित हैं। इससे हर साल करीब चार लाख लोगों की मौत हो जाती है। देर से पता चलने के कारण 70 फीसद तक मरीज गंभीर रूप से संक्रमित हो जाते हैं।
कारण : हेपेटाइटिस सी संक्रमण तब ज्यादा घातक हो जाता है जब वायरस खून को संक्रमित कर शरीर को नुकसान पहुंचाने लगता है। इसके सात प्रकार व 67 उप प्रकार हैं। मरीजों का इलाज वायरस के प्रकार पर निर्भर करता है। यह बीमारी असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई, ड्रग्स के लिए सुई साझा करने, गर्भावस्था के दौरान, संक्रमित के ब्रश व रेजर के इस्तेमाल आदि से हो सकती है। इसलिए, इन पहलुओं पर ध्यान जरूर दें। यही बचाव का तरीका भी है।
इलाज: पहले हेपेटाइटिस सी के इलाज के लिए मरीज को हर सप्ताह सुई लगवानी पड़ती थी। दवाएं भी लेनी होती थीं। हालांकि, इनमें मौजूद तत्व कुछ लोगों में स्वास्थ्य संबंधी दूसरी परेशानियां पैदा कर देते थे। अब नई दवाओं की मदद से 95 फीसद तक मरीज ठीक हो जाते हैं। 30 फीसद मरीज ऐसे भी होते हैं जो बिना किसी दवा के छह महीने के भीतर खुद ही संक्रमण मुक्त हो जाते हैं। हालांकि, यह संक्रमण के स्तर और मरीज की प्रतिरोधक क्षमता पर भी निर्भर करता है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal