विज्ञानंभवन : सूत्रों के मुताबिक, बैठक में एक किसान संगठन के प्रतिनिधि ने कहा कि किसान कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर हैं. और उन्होंने मांग किया कि सरकार को इसे वापस लेने पर विचार करना चाहिए.
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने किसानों से बैठक में कहा कि 4 से 5 नाम अपने संगठन से दीजिए, एक समिति बना देते हैं जिसमे सरकार के लोग भी होंगे, कृषि एक्सपर्ट भी होंगे, नए कृषि कानून पर चर्चा करेंगे. लेकिन किसान संगठनों ने सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है.
नए कृषि बिल को लेकर राजस्थान के किसान भी केंद्र सरकार से नाराज हैं. इनका कहना है कि नए किसान बिल लागू होने के बाद मंडिया खत्म हो जाएंगी और उद्योगपति सस्ते दामों में किसानों की फसल खरीदकर भंडारण करने लगेंगे.
इनकी नाराजगी इस बात को लेकर है कि सरकार ने भंडारण की सीमा खत्म कर दी है. जयपुर के निमेड़ा गांव के ओंकार लांबा का कहना है कि यह बिल काला कानून है और किसानों की खेती खत्म कर देगी.
रामस्वरूप लांबा बता रहे हैं कि सरकार समर्थन मूल्य पर खरीद का कानून इसमें बनाए तभी जाकर किसानों की हित की रक्षा हो पाएगी. बाजरा मूंग और मूंगफली जैसी फसलें अभी किसानों ने उन्हें अपने भाव में बेची है, जबकि समर्थन मूल्य पर इनकी खरीद नहीं हुई है. किसानों ने कहा कि सरकार और पंजाब के किसानों के बीच समझौता नहीं हुआ तो राजस्थान के किसान भी दिल्ली जाएंगे.