महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे कैबिनेट का सोमवार को विस्तार हो गया. हालांकि इस शपथ ग्रहण समारोह का भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बहिष्कार किया था. बीजेपी के इस रवैये पर शिवसेना भड़क गई है.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा, ‘सरकार को कम-से-कम 6 महीने शासन करने दीजिए फिर विरोधी अपने अस्त्र बाहर निकालें, ऐसा जनता को लग रहा था, लेकिन पहले दिन से ही देवेंद्र फडणवीस और उनकी पार्टी ने विरोध हेतु विरोध शुरू करके अपनी ही हंसी करवाई. विरोधी दल पहले सरकार को काम करने दे. इतनी दिलदारी और धैर्य राजनीति में नहीं होगी तो जनता उन्हें माफ नहीं करेगी.’
सामना ने मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अपने संपादकीय में लिखा कि महाराष्ट्र के रुके हुए मंत्रिमंडल विस्तार को मुहूर्त मिल गया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में ‘छह’ लोगों का मंत्रिमंडल पिछले महीनेभर से काम कर रहा था. इन छह की ‘कैबिनेट’ने नागपुर अधिवेशन को अच्छे से सफल बनाया.
अखबार मंत्रिमंडल विस्तार में हुई देरी पर सफाई देते हुए लिखता है कि किसानों की कर्जमाफी से लेकर दस रुपए में पेट भर थाली तक के कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए. इसके लिए लंबे-चौड़े मंत्रिमंडल की जरूरत ही क्या है? लोगों के जहन में ऐसा सवाल उठ रहा था. उसने आगे कहा कि पूरे देश में नागरिकता संशोधन विधेयक पर अशांति फैली हुई है और आग लगी हुई है, ऐसे में मुख्यमंत्री और छह लोगों के मंत्रिमंडल को महाराष्ट्र को शांत रखने में सफलता मिली.