महामारियों ने जब भी दुनिया में दस्तक दी है, हर बार इसने हमसे बहुत से लोगों को छीना है। लेकिन एक महामारी सिर्फ इतनी ही नहीं है। व्यापक दृष्टिकोण से देखें तो ये आगामी कई दशकों को प्रभावित करती रही हैं। प्लेग, स्पेनिश फ्लू से होते हुए कोविड-19 तक हर महामारी ने सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक बदलावों का खाका तैयार किया है।
इस बार भी कोरोना वायरस बडे़ बदलावों का संकेत दे रहा है। यह बदलाव हमारी प्रगति को बाधित करेंगे और हमें कुछ वक्त के लिए पीछे भी धकेल देंगे। हालांकि आसन्न संकट को देखकर उससे लड़ने का हौसला मिल जाता है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि वे कौन से बदलाव हैं जो भविष्य में हमारे सामने खड़े होंगे।
मंदी आ रही है, लेकिन… भारत और चीन को छोड़कर दुनिया की लगभग सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की आर्थिक वृद्धि इस साल नकारात्मक हो जाएगी। हालांकि उम्मीद भी है कि 2021 में इसमें थोड़ा सा सुधार होगा। यह इकलौती लेकिन मजबूत उम्मीद है जिसके सहारे इस संकट से हम उभर सकते हैं। अनुमान है कि भारत की जीडीपी वृद्धि 7.4 और चीन की 9.2 रह सकती है।
नए घरों में जगह बना सकता है वर्क फ्रॉम होम कोविड-19 के प्रसार के साथ ही बहुत से कर्मचारियों को घरों से काम करने के लिए कह दिया गया है। कंपनियों को यह बात बेहतर ढंग से समझ आ रही है कि वर्क फ्रॉम होम से ऑफिस की बहुत सी जगह बच सकती है।
माना जा रहा है कि इस जगह का रहने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, वहीं घरों में वर्क फ्रॉम होम के लिए अलग से जगह बनाई जा सकती है। यद्यपि मांग में 10 फीसद की कमी से 7.6 करोड़ वर्ग फीट अलग हो जाएगा। यह 1500 वर्ग फीट के 50000 घरों के लिए पर्याप्त है।
मेट्रो की बुरी खबर दिल्ली मेट्रो में सफर करने वालों की संख्या लगातार घट रही है। हम 2013-14 के स्तर पर हैं। हालांकि इस संकट से आने वाली गिरावट इसे 2010-2011 के स्तर पर पहुंचा सकती है।
पर्यटन में आठ साल पीछे संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) का अनुमान है कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन में 20 से 30 फीसद की कमी आ सकती है। यदि भारत भी इस वैश्विक ट्रेंड का अनुसरण करता है तो वह 2012 के स्तर पर पहुंच सकता है।
भारतीय विमानन उद्योग चार साल पीछे होगा एक अनुमान बताता है कि कोविड-19 का प्रतिकूल असर भारतीय विमान यात्रियों की संख्या करीब 10 करोड़ तक गिरा सकता है। जिसके बाद यह विमानन उद्योग 2016-17 के स्तर तक पहुंच सकता है।
ऑनलाइन फिल्में पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन फिल्मों के कारोबार ने खूब तरक्की की है। कोविड-19 से कई अमेरिकी स्टूडियोज अपनी फिल्मों को तेजी से ऑनलाइन प्लेटफॉम्र्स पर रिलीज करना शुरू कर रहे हैं।
अप्रैल में अमेरिकन बॉक्स ऑफिस पर रिलीज फिल्मों ने सिर्फ 5 लाख डॉलर की कमाई की। वहीं ऑनलाइन रिलीज से दुनिया भर में करीब 10 करोड़ डॉलर की कमाई हुई।