प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में कहा कि चुनाव के वक्त कर्जमाफी की जाती है, लेकिन उससे छोटे किसान को फायदा नहीं होता है. पिछली फसल बीमा योजना भी बड़े किसानों के लिए थी, जो सिर्फ बैंक से लोन लेता था. यूरिया हो या कोई दूसरी योजना, पहले सभी योजनाओं का लाभ 2 हेक्टेयर से अधिक वाले किसानों को होता था.
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 के बाद हमने कई परिवर्तन किए और फसल बीमा के दायरे को बढ़ा दिया. पीएम मोदी ने कहा कि फसल बीमा योजना के तहत 90 हजार करोड़ रुपये दिए गए. हमने करीब पौने दो करोड़ लोगों तक किसान क्रेडिट कार्ड को पहुंचाया.
पीएम मोदी बोले कि हमने किसान सम्मान निधि योजना लागू की, दस करोड़ परिवारों इसका लाभ मिला और 1.15 लाख करोड़ किसानों के खाते में गया है. बंगाल में राजनीति आड़े में ना आती, तो वहां के लाखों किसानों को लाभ मिलता. हमने सौ फीसदी किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड पेश किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हमें तय करना होगा कि हम समस्या का हिस्सा बनेंगे या समाधान का माध्यम बनेंगे. राजनीति और राष्ट्रनीति में हमें किसी एक को चुनना होगा. पीएम मोदी ने कहा कि सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई, जो भी बताया गया वो आंदोलन को लेकर बताया गया लेकिन मूल बात पर चर्चा नहीं हुई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्व पीएम देवेगौड़ा ने सरकार के प्रयासों की सराहना भी की, साथ ही उन्होंने सुझाव भी दिए. पीएम मोदी ने चौधरी चरण सिंह के कथन को सदन में पढ़ा, ‘किसानों का सेंसे लिया गया, तो 33 फीसदी किसान ऐसे हैं जिनके पास जमीन 2 बीघे से कम है, 18 फीसदी जो किसान कहलाते हैं उनके पास 2-4 बीघे जमीन है. ये कितनी भी मेहनत कर ले, अपनी जमीन पर इनकी गुजर नहीं हो सकती है’
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मौजूदा वक्त में जिनके पास 1 हेक्टेयर से कम जमीन है, वो 68 फीसदी किसान हैं. 86 फीसदी किसानों के पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है. हमें अपनी योजनाओं के केंद्र में 12 करोड़ किसानों को रखना होगा.