प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला रखी. यह कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हो रहा है. गुजरात के राज्यपाल, गुजरात के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भी वहां उपस्थित हैं.

कुछ लोगों का सवाल हो सकता है कि सरकार इलाज पर इतना जोर क्यों दे रहे हैं. हममें से ज्यादातर लोग इसी पृष्ठभूमि से हैं. गरीब, मध्यम वर्ग में इलाज का खर्च बड़ी समस्या. बड़ी संभावना होती है कि वह इलाज करवाए ही ना. ऐसा पैसों की कमी से होता है. ऐसे में लोग अंधविश्वास की तरफ चला जाता है. क्योंकि उसके पास सही जगह जाने के पैसे नहीं होते.
हमने गरीब का इलाज पर होने वाला खर्च कम किया. आयुष्मान भारत की वजह से डेढ़ लाख हेल्थ वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे है. 50 हजार शुरू हुए. 5 हजार सिर्फ गुजरात में हैं. इससे डेढ़ करोड़ लोगों को 5 लाख तक का फ्री इलाज मिला. इससे गरीब भाई-बहनों की मदद हुई. योजना से गरीबों के लगभग 30 हजार करोड़ से ज्यादा बचे हैं. जनऔषधी केंद्रों का भी गरीबों को लाभ मिल रहा. यहां दवाएं सस्ती हैं. गरीबों के हर साल 3600 करोड़ रुपये खर्च होने से बच रहे हैं.
आजादी के 6 दशकों बाद भी सिर्फ 6 एम्स बने. बीते 6 सालों में 10 नए एम्स बनाने पर काम चल रहा है. जिसमें से कुछ आज पूरी तरह के काम करना शुरू कर चुके हैं. देश में एम्स जैसे ही 20 सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाए जाएंगे.
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