प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार राष्ट्र निर्माण के अपने मिशन के तहत विकास कार्य करती है, न कि चुनाव जीतने के लिए ऐसा करती है जैसा कि कुछ लोग मानते हैं।आगामी लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद के साबरमती इलाके में एक कार्यक्रम में डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर (डीएफसी) आपरेशन कंट्रोल सेंटर का दौरा करने के बाद देश के लिए 1,06,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं शुरू कीं।
इनमें 10 नई वंदे भारत ट्रेन व डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर (डीएफसी) के दो सेक्शनों की शुरुआत समेत 85 हजार करोड़ रुपये की रेल परियोजनाओं और गुजरात के भरुच जिले में 20,600 करोड़ के निवेश से एक पेट्रोकैमिकल कांप्लेक्स शामिल हैं।
‘रेलवे के विकास पर पहले की तुलना में अधिक काम हुआ’
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा, ‘कुछ लोग हमारे प्रयासों को चुनावी चश्मे से देखने की कोशिश करते हैं। मैं आपको बता दूं कि हम राष्ट्र निर्माण के मिशन के तहत विकास कार्य करते हैं, न कि (चुनाव जीतकर) सरकार बनाने के लिए। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे युवाओं को वह कष्ट न सहना पड़े जो उनकी पिछली पीढि़यों को झेलना पड़ा। यह मोदी की गारंटी है।’ उन्होंने दावा किया कि पिछले 10 वर्ष में उनकी सरकार ने रेलवे के विकास पर पहले की तुलना में लगभग छह गुना अधिक राशि खर्च की है। मोदी ने कहा, ‘वर्ष 2024 के केवल दो महीनों में हमने 11 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया है।’
‘मैंने अपना जीवन रेल पटरियों पर शुरू किया’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद रेलवे क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ क्योंकि पिछली सरकारों ने विकास के बजाय राजनीतिक उद्देश्यों को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपना जीवन रेल पटरियों पर शुरू किया था, इसलिए मुझे पता है कि पहले हमारी रेलवे की स्थिति कितनी खराब थी।’प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अलग रेल बजट की व्यवस्था को समाप्त कर इसे केंद्रीय बजट में शामिल किया ताकि केंद्रीय कोष का इस्तेमाल रेलवे के विकास में किया जा सके। उनकी सरकार ने रेलवे को नरक जैसी स्थिति से बाहर निकालने के लिए ²ढ़ इच्छाशक्ति दिखाई है और इस क्षेत्र का विकास उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
‘विरासत संजोकर नहीं रखने वाला देश गंवा देता है अपना भविष्य’
राज्य ब्यूरो के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने साबरमती में 1,200 करोड़ रुपये के गांधी आश्रम स्मारक ‘मास्टरप्लान’ की शुरुआत भी की और 12 मार्च, 1930 को महात्मा गांधी द्वारा निकाले गए प्रसिद्ध दांडी मार्च के 94 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक समारोह में पुनर्विकसित कोचरब आश्रम का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, ‘जो देश अपनी विरासत को संजोकर नहीं रखता, वह अपना भविष्य भी खो देता है। साबरमती आश्रम न सिर्फ देश, बल्कि पूरी मानव जाति के लिए एक धरोहर है।’
विकसित भारत के लिए तीर्थस्थल है साबरमती आश्रम
मोदी ने कहा, ‘साबरमती आश्रम न केवल हमारे स्वतंत्रता संग्राम, बल्कि विकसित भारत के लिए भी तीर्थस्थल बन गया है।’ उन्होंने कहा कि साबरमती आश्रम को सिर्फ स्मारक बनकर नहीं रह जाना चाहिए, बल्कि इसे देश व दुनिया के लोगों को गांधीजी के आदर्श व मूल्यों को समझाने का केंद्र बनना चाहिए। नई पीढ़ी इसे देखकर समझ सके कि कैसे साबरमती के संत ने चरखे की ताकत से एक हताश देश के जन-मन को आशा-विश्वास से भर दिया था। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद बनी सरकारों के पास साबरमती आश्रम जैसे धरोहर स्थलों को बचाने की कोई सोच या राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी। इसके दो कारण थे- पहला, भारत को विदेशी नजरिये से देखना और दूसरा, तुष्टीकरण की राजनीति जिसके परिणामस्वरूप हमारी विरासत बर्बाद हो गई।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का ‘वोकल फार लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान कुछ और नहीं, बल्कि महात्मा गांधी के स्वदेशी विचार से प्रेरित है।
डीएफसी के इन सेक्शन का हुआ उद्घाटन
प्रधानमंत्री ने डीएफसी के जिन दो सेक्शनों का उद्घाटन किया उनमें न्यू खुर्जा से साहनेवाल (401 मार्ग किलोमीटर) और न्यू मकरपुरा से न्यू घोलवड सेक्शन (244 मार्ग किलोमीटर) शामिल हैं।
पहले आटोमोबाइल इन-प्लांट रेलवे साइडिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत
प्रधानमंत्री ने मेहसाणा जिले में देश के पहले मारुति सुजुकी के आटोमोबाइल इन-प्लांट रेलवे साइडिंग प्रोजेक्ट का उद्घाटन भी किया। पीएम गतिशक्ति मिशन के तहत विकसित इस प्रोजेक्ट के जरिये मारुति की कारों को रेलवे के जरिये भेजा जा सकेगा और इससे ट्रकों के सालाना 50 हजार फेरों की बचत होगी।