हम भारत को महाशक्ति बनाना चाहते हैं, DRDO के वैज्ञानिक इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

उत्तरी और पश्चिमी सीमा पर चीन और पाकिस्तान के साथ तनाव जारी है। इसे लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि मुझे पूरा विश्वास है कि सीमा पर जारी चुनौतियों के बीच हमारी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसाधनों की कोई कमी नहीं होने देंगे। 

डीआरडीओ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘इस समय हमारी (उत्तरी और पश्चिमी) सीमाओं पर चुनौतियां भी हमारे संसाधनों के लिए चुनौती हैं। मुझे विश्वास है कि हमारी सरकार, हमारे प्रधानमंत्री यह सुनिश्चित करेंगे कि सीमाओं पर संसाधनों की कोई कमी नहीं हो।’

कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हवा से हवा में मार करने वाले ‘अस्त्र एमके-1 बीवीआर’ के एक मॉडल को वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया को सौंपा। रक्षा मंत्री ने कहा कि हम भारत को महाशक्ति बनाना चाहते हैं और आप (डीआरडीओ वैज्ञानिक) इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।  

बता दें कि अस्त्र स्वदेशी रूप से विकसित पहली बीवीआर (बियॉन्ड विजुअल रेंज) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। इसे सुखोई-30, एलसीए और मिग-29 से लॉन्च किया जा सकता है। वहीं, राजनाथ ने डीआरडीओ द्वारा तैयार भारतीय ‘समुद्री स्थिति संबंधी जागरूकता प्रणाली’ नौसेना प्रमुख और सीमा निगरानी प्रणाली (बॉस) सेना प्रमुख को सौंपी। 

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