राजनीतिक गुणा-भाग में हम यकीन नहीं करते, योद्धा हैं, योद्धा की ही तरह लड़ेंगे। सवाल करते हैं, यदि हमारे परिवार ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर बड़े पैमाने पर जमीन खरीदी हैं, तो पांच साल से यह सरकार कर क्या रही थी?

उनके पास सबूत हैं तो उसे सामने क्यों नहीं लाते? विशेष जांच दल (एसआइटी) की रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं करते? हम भाजपा जैसी राजनीति नहीं करते। इारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हर मुद्दे पर मुखर हैं।
महागठबंधन के नेता के रूप में पूरे प्रदेश को नाप रहे हेमंत कहते हैं, इससे खराब सरकार प्रदेश में कभी नहीं रही। मुख्यमंत्री पांच साल में अपने गृह जिले को राजधानी से नहीं जोड़ पाए, दावा करते हैं विकास की गंगा बह रही है।
दैनिक जागरण, झारखंड के स्थानीय संपादक प्रदीप शुक्ला और राज्य ब्यूरो प्रभारी प्रदीप सिंह से चुनावी संभावनाओं, महागठबंधन, चुनाव बाद की स्थितियों पर हेमंत सोरेन ने विस्तार से बातचीत की।
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