पिछले 25 साल से बांग्लादेश से निर्वासित प्रख्यात लेखिका तस्लीमा नसरीन ने नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन किया है. तस्लीमा ने कहा, “मैं खुश हूं कि सरकार ने इसे पारित कर दिया. सताए हुए अल्पसंख्यकों के लिए अच्छा है. यह सही है कि अल्पसंख्यकों की प्रताड़ना की जाती थी. जब हम आलोचना करते हैं तो इस्लामिक समाज हमसे घृणा करता है”.

तस्लीमा नसरीन ने आगे कहा, “हम जैसे लोगों को भी नागरिकता मिलनी चाहिए. कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है. भारत अपनी मुस्लिम आबादी को कम नहीं कर रहा है. मुझे अपने घर की याद आ रही है. मैं बंगाल भी नहीं जा सकती. लेकिन यह एक ऐसी कीमत है जिसका मुझे भुगतान करना होगा. अगर मुझे करना है तो मैं वो किताबें फिर लिखूंगी.” यह बातें तस्लीमा नसरीन ने आजतक से हुई एक्स्क्लूसिव बातचीत के दौरान कहीं.
जायरा वसीम के बॉलीवुड छोड़ने के निर्णय ने सभी को हैरान कर दिया था. बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने भी धर्म की वजह से बॉलीवुड छोड़ने के फैसले को बेवकूफी भरा निर्णय बताया था.
ट्विटर पर जायरा वसीम के फैसले की आलोचना करते हुए तस्लीमा ने लिखा था ‘मेरे रोंगटे खड़े हो गए! बॉलीवुड की प्रतिभाशाली एक्ट्रेस जायरा वसीम अब अभिनय छोड़ना चाहती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके अभिनय करियर ने अल्लाह में उनके विश्वास को लगभग खत्म कर दिया है. क्या नैतिक निर्णय है! मुस्लिम समुदाय की कई प्रतिभाएं बुर्के के अंधेरे में जाने को मजबूर हैं.’
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