हस्तरेखा विज्ञान को सामुद्रिक शास्त्र भी कहा जाता है। इसमें हथेलियों की बनावट, उंगलियों के आकार-प्रकार के साथ ही हथेलियों पर उभरी रेखाओं के आधार पर भविष्य के बारे में काफी कुछ पता किया जा सकता है। दरअसल हाथों में दिखाई देने वाली रेखाएं और हमारे भविष्य का गहरा संबंध होता है। इसलिए इन रेखाओं का अध्ययन करने पर हमें भविष्य में होने वाली घटनाओं की जानकारी प्राप्त हो सकती है। 

ऐसी रेखा वाले होते दीर्घजीवी
जीवन और मृत्यु का चक्र तो सदैव से चला आ रहा है। मगर फिर भी हर व्यक्ति अपनी कुल आयु के बारे में जानने के लिए सदा जिज्ञासु बना रहता है। हालांकि यदि किसी की हथेली में गुरु पर्वत से रेखा शुक्र का घेराव करते हुए मणिबंध यानी अंगूठे और तर्जनी के मध्य से निकलती हुई हथेली के निचले भाग तक आ जाए तो ऐसा व्यक्ति प्रतिभावान होने के साथ ही दीर्घायु होता है।
शास्त्र क्या कहता है
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, चौंसठ साल की आयु के उपरांत का समय दीर्घायु का माना गया है। इसके साथ ही सौ से ऊपर की आयु को ‘देवहितं यदायु’ यानी देवताओं की आयु मानी गई है। ऐसे एक बात ध्यान रखें कि व्यक्ति अपने कर्मों से अपनी आयु कम या ज्यादा करता है। इसका उल्लेख हमारे शास्त्रों व पुराणों में भी होता आया है।
ऐसे जाने आयु संबंधी रहस्य
अगर किसी व्यक्ति की हथेली में मणिबंध साफ-स्पष्ट और बिना कटे हों तो ऐसा व्यक्ति लगभग 70 साल से अधिक जीवित रह सकता है। वहीं यदि किसी की आयु रेखा, मस्तक रेखा और हृदय रेखा-सभी गहरी और लंबी हों तो वह भी काफी लंबी आयु तक जीवित रहते हैं।
स्वास्थ्य रेखा यहां तो…
वह व्यक्ति भाग्यशाली कहलाता है जिसके भाग्य रेखा और मस्तक रेखा के बीच में स्वास्थ्य रेखा होती है। इसके अलावा जिनकी हथेली में बड़े त्रिभुज में कोई अशुभ चिह्न यव या क्रॉस न हो वे भी दीर्घजीवी होते हैं।
जब इस रेखा का न करें स्पर्श
ऐसे तो मनुष्य के जीवन में उतार-चढ़ाव और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से शास्त्र भी इंकार नहीं करता है, मगर शास्तानुसार जिनके हाथ में स्वास्थ्य रेखा, आयु रेखा को स्पर्श नहीं करती है, वह चिरायु कहलाते हैं। वहीं यदि किसी की हथेली में जीवन रेखा स्पष्ट न हो तो हथेली में सबसे ऊपर कलाई के पास गोल मणिबंध रेखाएं होती हैं। इनसे भी काफी हद तक आयु का अनुमान लगाया जाता है।
मणिबंध क्यों है खास
सामुद्रिक शास्त्र में एक मणिबंध रेखा की आयु 25 वर्ष मानी गई है यानि कलाई में जितनी संख्या में मणिबंध रेखा होती है व्यक्ति की आयु उसी अनुरूप हो सकती है। यानी किसी के हाथों में 3 मणिबंध अटूट और स्पष्ट हों तो वह 60 साल से अधिक की आयु वाला हो सकता है। ध्यान देने वाली बात है कि किसी भी व्यक्ति के हाथ में मणिबंध रेखा अधिकतम चार हो सकती है।
भविष्य देखने का ये है तरीका
हस्तरेखा से भविष्य देखने के लिए सबसे पहले अंगुलियों, अंगूठे और हथेली की बनावट देखनी चाहिए। फिर बायां हाथ देखें, इसके बाद दायां हाथ और अब दोनों हाथों की रेखाओं और बनावट में अंतर समझें। फिर हथेली, करपृष्ठ, नाखून, त्वचा, रंग, अंगुलियां, अंगूठा तथा कलाई आदि का परीक्षण करें। सभी ग्रह क्षेत्रों का अध्ययन करें। हर रेखा का एक-एक करके अध्ययन करें। ध्यान रहे हाथों का अध्ययन जितनी गहराई और ध्यान से किया जाएगा, भविष्यफल उतना ही सटीक बैठेगा।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal