हजारों वर्ष पुराना है कश्मीर का इतिहास, किसी की कृपा से भारत को नहीं मिला : राम माधव

भाजपा के महासचिव एवं जम्मू-कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर हजारों वर्षों से भारत का अविभाज्य हिस्सा है। इसका इतिहास अलगाववाद और आतंकवाद से हजारों वर्ष पुराना है। यह बात उन्होंनें त्रैमासिक पत्रिका ‘मंथन’ के कश्मीर विशेषांक एक और दो के विमोचन अवसर पर कही। वह राष्ट्रीय संग्रहालय में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में वह मुख्य अतिथि थे।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि कश्मीर के सही इतिहास को लोगों के सामने लाना बहुत महत्वपूर्ण काम है। कश्मीर कश्यप ऋषि से लेकर कल्हण कवि तक, कम्बोज रिपब्लिक से लेकर महाराजा रणजीत सिंह के साम्राज्य तक कश्मीर इतिहास में भारत का अभिन्न अंग रहा है। कोई यह न समझे कि किसी की कृपा से 1947 में कश्मीर, भारत के हिस्से में आया। कश्मीर की भूमि ही नहीं वहां का एक-एक नागरिक भी भारतीय है।

इस दौरान मंथन पत्रिका के विशेषांक के अतिथि संपादक जवाहर लाल कौल ने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि केवल राजनीति ही अब जम्मू-कश्मीर को जानने का मानक बन गई है। आज आवश्यक है कि वहां के बारे में ज्यादा से ज्यादा तथ्यपरक जानकारियां एकत्र कर हम विशेषज्ञों के पास भेजें।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉक्टर निर्मल सिंह ने कहा कि महाराजा हरि सिंह की भूमिका जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण है। सबसे ज्यादा ऐतिहासिक अन्याय महाराजा हरि सिंह के साथ हुआ है। उनके व्यक्तित्व को ठीक प्रकार से प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। मंथन के संपादक डॉ. महेशचन्द्र शर्मा ने कहा कि भारत के विभाजन ने ही कश्मीर की समस्या पैदा की।

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